इस बार पड़ेगी प्रचंड गर्मी, मौसम विभाग ने दी जानकारी,बरतें सावधानियां
नई दिल्ली। अप्रैल आते ही लोगों को गर्मी की चुभन का एहसास होने लगा है और ये चुभन इस बार कुछ ज्यादा ही होगी, मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक अप्रैल से जून के बीच मध्य और उत्तर भारत में औसत तापमान आधा डिग्री सेल्सियस तक अधिक रह सकता है। मौसम विभाग ने कहा है कि राजस्थान के पश्चिमी हिस्से में इस बार पहले से अधिक गर्मी होगी और भीषण गर्मी के कारण इस बार लू की स्थिति भी गंभीर रहने वाली है।
इस बार और सताएगी गर्मी
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, गुजरात, मध्य महाराष्ट्र, विदर्भ, मराठवाड़ा, कोस्टल कर्नाटक, उत्तर कर्नाटक का अंदरूनी हिस्सा, रायलसीमा और तेलंगाना में अप्रैल से जून के दौरान भीषण गर्मी पड़ेगी इसलिए लोगों को काफी सतर्क रहने की जरूरत है। मौसम विभाग ने कहा, पश्चिमी राजस्थान में मौसमी न्यूनतम एवं औसत तापमान सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहने का अनुमान है।
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गर्मी में बीमारी होने के मुख्य कारण
- गर्मी के दिनों में खुले शरीर में चलना और भाग-दौड़ करना।
- तेज गर्मी में घर से खाली पेट यानी भूखा प्यासा बाहर जाना।
- धूप से आकर तुरंत ठंडा पानी या अन्य ठंडे पदार्थ का सेवन करना।
- तेज धूप से आकर सीधे कूलर या एसी में बैठना या उठकर धूप में जाना।
- तेज गर्मी में भी सिंथेटिक वस्त्रों का पहनना। तेल-मसाले वाला खाना, गरिष्ठ, तेज मसाले, बहुत गर्म खाना खाना, अधिक चाय व शराब का सेवन करना।
- गर्मी में ज्यादा भारी व बासी भोजन न करें, क्योंकि गर्मी में शरीर की जठराग्नि मंद रहती है।
- गर्मी में जब भी घर से निकले कुछ खाकर और पानी पीकर ही निकलें, खाली पेट ना निकलें। पानी के का सेवन 4 से 5 लीटर रोजाना करें। बाजारू ठंडी चीजें नहीं बल्कि घर की बनी ठंडी चीजों का सेवन करना चाहिए।
- आम का पना, खस, चंदन, गुलाब, फालसा, संतरा का सरबत ,सत्तू, दही की लस्सी, मट्ठा ,गुलकंद का सेवन करना चाहिए। हरि और ताजी सब्जियों का सेवन करना चाहिए।
- सफेद प्याज का सेवन तथा बाहर निकलते समय प्याज रखना चाहिए।
- सूती कपड़ों को पहनकर बाहर निकलें। सिर हमेशा कपड़े से बांधकर निकलें। आंखों को धूप से बचाने के लिए चश्मा पहनकर बाहर निकलें। बाहर की चीजों को खाने से परहेज करें।
'लू' लगने से मृत्यु क्यों होती है ?
हमारे शरीर का तापमान हमेशा 37° डिग्री सेल्सियस होता है, इस तापमान पर ही हमारे शरीर के सभी अंग सही तरीके से काम कर पाते है ।पसीने के रूप में पानी बाहर निकालकर शरीर 37° सेल्सियस टेम्प्रेचर मेंटेन रखता है, लगातार पसीना निकलते वक्त भी पानी पीते रहना अत्यंत जरुरी और आवश्यक है । पानी शरीर में इसके अलावा भी बहुत कार्य करता है लेकिन जब बाहर का टेम्प्रेचर 45° डिग्री के पार हो जाता है और शरीर की कूलिंग व्यवस्था ठप्प हो जाती है, रक्त गरम होने लगता है और रक्त में उपस्थित प्रोटीन में उबाल होता है, जो कि हानिकारक होता है इससे सांस लेने में दिक्कत होती है और जब ये स्थिति और तेज हो जाती है तो इंसान का शरीर जवाब दे देता है और उसकी मौत हो जाती है।
बरतें सावधानियां
डॉक्टरों के मुताबिक हम प्राकृतिक चीजों को तो बदल नहीं सकते हैं लेकिन कुछ सावधानियों के जरिए हम उनसे खुद को बचा सकते हैं। इसलिए इस बारे में डॉक्टरों ने कुछ उपाय बताए हैं, जिनके जरिए हम खुद का बचाव 'लू' से कर सकते हैं।
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