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मेडिकल सीट के लिए करोड़ों के डोनेशन पर ध्यान दें नेता: यूक्रेन में मारे गए छात्र के पिता

यूक्रेन में मारे गए छात्र नवीन के पिता ने कहा है कि उन्होंने मजबूरी में अपने होनहार बेटे को मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन भेजा था.

By BBC News हिन्दी
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यूक्रेन के खारकीएव शहर में मारे गए भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पाका शव देश लाए जाने की कोशिशें हो रही हैं. उनके पिता ने भारत सरकार से मदद करने की अपील की है.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने कहा है कि नवीन के दोस्तों ने उनके शव की तस्वीर भेजी है. इस तस्वीर को पुष्टि के लिए विदेश मंत्रालय भेजा गया है.

statement of Father of indian students killed in Ukraine

इससे पहले मंगलवार को नवीन शेखरप्पा के मारे जाने की ख़बर आई थी जिसकी जानकारी भारत के विदेश मंत्रालय ने दी. बाद में उनके साथ रहनेवाले एक छात्र ने भी बताया कि नवीन खाना लाने के लिए बाहर गए थे जिसके बाद उनसे संपर्क टूट गया.

नवीन की मौत की पुष्टि होने के बाद उनके पिता शेखरप्पा ने मंगलवार को पत्रकारों के ज़रिये कहा था कि 'मैं दूतावास के शीर्ष अधिकारियों और भारत के प्रधानमंत्री से अपील करता हूं कि वो मेरे बेटे के शव को भारत लाने में मदद करें'.

नवीन की मौत की ख़बर आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भी उनके परिजनों से फ़ोन पर बात की थी.

नवीन के पिता के सवाल

नवीन के पिता ने अपने बेटे की मौत के बाद मीडिया से बात करते हुए भारत की मेडिकल शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाए हैं.

शेखरप्पा ने कहा, "मेरे बेटे ने 97 प्रतिशत अंक हासिल किए थे लेकिन वो राज्य में मेडिकल सीट हासिल नहीं कर सका और हमें मजबूरी में उसे पढ़ने के लिए यूक्रेन भेजना पड़ा. लेकिन अब हमने उसे गंवा दिया है."

एमबीबीएस के चौथे वर्ष के छात्र नवीन कर्नाटक के हावेरी ज़िले के चलागेरी गांव के रहने वाले थे.

उनके पिता ने मीडिया से कहा, "मैं सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से अपील करता हूं कि वो इस मामले को देखें. एडमिशन के लिए डोनेशन बहुत बुरी बात है. भारत के बुद्धिमान छात्रों को पढ़ने के लिए विदेश जाना पड़ रहा है."

उन्होंने कहा, "ये बच्चे जब भारत में पढ़ना चाहते हैं तो उनसे मेडिकल सीट के लिए करोड़ों रुपए की डोनेशन मांगी जाती है. इससे अच्छी शिक्षा वो बाहर जाकर कम पैसों में हासिल कर लेते हैं."

शेखरप्पा पेशे से मेकैनिकल इंजीनियर हैं और रिटायरमेंट के बाद गांव में खेती कर रहे हैं. उन्होंने अधिकतर समय हावेरी के बाहर बिताया है.

साथी ने बताया क्या हुआ

ख़ार्कीएव में मारे गए नवीन के साथ रहने वाले एक भारतीय छात्र ने बीबीसी को बताया है कि घटना के समय वो खाने-पीने का सामान लेने के लिए बाहर गए थे.

उनके साथ रहने वाले भारतीय छात्र श्रीकांत ने बीबीसी हिंदी को बताया, "मैंने पैसे ट्रांसफ़र कर दिए और पांच से दस मिनट के भीतर उसे फ़ोन किया लेकिन उसने फ़ोन नहीं उठाया. इसके बाद मैंने उसके स्थानीय नंबर पर फ़ोन मिलाया. उसने फिर भी फ़ोन नहीं उठाया. उसके बाद किसी ने फ़ोन उठाया और यूक्रेनी भाषा में बात करने लगा जो मुझे समझ नहीं आती."

श्रीकांत बताते हैं, "नवीन एक नरम दिल इंसान था. वो पढ़ाई में भी तेज़ था. उसने यहां मेडिकल की तीसरे साल की पढ़ाई में 95 फ़ीसदी नंबर स्कोर किए थे. नवीन बहुत ही विनम्र था."

यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर ख़ार्कीएव पर रूस का भीषण हमला जारी है. हालांकि ये शहर अभी भी यूक्रेनी सैन्यबलों के ही नियंत्रण में है.

भारत सरकार यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित लाने के लिए बड़ा अभियान चला रही है. इस अभियान में भारतीय वायुसेना के विमानों का इस्तेमाल भी किया जाएगा.

सरकार ने एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया है. भारत सरकार ने मंगलवार को राजधानी कीएव में मौजूद सभी भारतीयों से तुरंत शहर छोड़ने की अपील की थी.

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English summary
statement of Father of indian students killed in Ukraine
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