केरल में मानसून आने में हो सकती है चार दिन की देरी, इस वजह से देर से बरसेंगे बादल
नई दिल्ली। दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2020 का इंतजार अब शुरू हो गया है। इस बीच भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने जानकारी दी है कि इस साल मानसून केरल में चार दिन की देरी से आ सकता है। मौसम विभाग ने इस बारे में जानकारी देते हुए शुक्रवार को बताया, इस साल केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत 1 जून की सामान्य तारीख की तुलना में थोड़ी देर से होने की संभावना है। ± 4 की मॉडल त्रुटि के साथ केरल में इस साल मानसून की शुरुआत 5 जून को होने की संभावना है।
Recommended Video
बीते 15 साल में मौसम विभाग का अनुमान सटीक रहा
बता दें केरल में मानसून आने के साथ ही देश में चार महीने के बरसात के मौसम की आधिकारिक शुरुआत हो जाती है। इसके साथ ही मौसम विभाग ने कहा है कि पिछले 15 सालों में सिर्फ 2015 को छोड़कर उसका अनुमान सटीक साबित हुआ है। पिछले साल 8 जून को मानसून केरल पहुंचा था। मौसम विभाग ने 6 जून का अनुमान जारी किया था। 2018 में 29 मई का अनुमान जारी किया था, और मानसून 29 मई को ही पहुंचा, 2017 में 30 मई का अनुमान था, मानसून भी 30 मई को पहुंचा था। वहीं साल 2016 में 7 जून का अनुमान जारी किया गया था और मानसून 8 जून को पहुंच गया। इसके अलावा 2015 में मौसम विभाग ने 30 मई की उम्मीद जताई थी, लेकिन मॉनसून 5 जून को केरल पहुंचा था।
अंडमान और निकोबार में कब पहुंचेगा मानसून?
इससे पहले मौसम विभाग ने कहा था कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के शनिवार तक अंडमान और निकोबार द्वीप और बंगाल की खाड़ी पहुंचने की संभावना है। आईएमडी के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम मानसून अक्सर 20 मई तक अंडमान और निकोबार द्वीप और बंगाल की खाड़ी पहुंच जाता है और उसके बाद यह 10 से 11 दिनों में केरल में दस्तक देता है। दक्षिण-पश्चिम मानसून को खरीफ फसल जैसे धान, मोटे अनाज, दालें और तिलहन बोने के लिए अहम माना जाता है।
इन राज्यों में देरी से आएगा मानसून
इस साल से विभाग ने 1960-2019 के आंकड़ों के आधार पर देश के कई हिस्सों के लिए मानसून की शुरुआत और वापसी की तारीखों को भी संशोधित किया है। पिछली तारीखें 1901 और 1940 के आंकड़ों पर आधारित थीं। वहीं अन्य राज्यों की बात करें तो महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में मानसून सामान्य तारीखों की तुलना में 3 से 7 दिनों की देरी से आएगा।
दिल्ली में कब बरसेंगे बादल?
इसके अलावा दिल्ली के लिए मानसून की सामान्य शुरुआत की तारीख 23 जून से 27 जून तक संशोधित की गई है। इसी तरह मुंबई और कोलकाता के लिए 10 से 11 जून तक और चेन्नई में 1 से 4 जून तक की तारीखों को संशोधित किया गया है। आईएमडी ने इस साल 100 फीसदी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है। चार महीने का दक्षिण-पश्चिम मानसून आमतौर पर 1 जून को केरल से शुरू होता है, लेकिन इसमें इस बार चार दिन की देरी की संभावना जताई गई है। ये कृषि अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि देश में सालाना होने वाली बारिश का 75 फीसदी इसी मानसून से होती है।
This year, the onset of southwest #monsoon over Kerala is likely to be slightly delayed as compared to normal date of onset of 1st June. Its onset over Kerala this year is likely to be on 5th June with a model error of ± 4 days: India Meteorological Department pic.twitter.com/cpbl9RlPUJ
— ANI (@ANI) May 15, 2020
Alert:
इन
3
राज्यों
में
Amphan
मचा
सकता
है
उत्पात,
स्काईमेट
ने
Cyclone
को
लेकर
दिया
बड़ा
अपडेट