24 घंटे के अंदर ओडिशा में दस्तक दे सकता है Monsoon, भारी बारिश का अलर्ट हुआ जारी
भुवनेश्वर। दक्षिण-पश्चिम मानसून भारत के केरल में 1 जून को पहुंच चुका है, जिसके चलते केरल समेत देश के कई राज्यों में भारी बारिश का सिलसिला जारी है, भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि इस बार मानसून की बारिश अच्छी होगी, जो कि किसानों के लिए बढ़िया खबर है तो वहीं दूसरी तरफ देश के कई राज्यों मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली-एनसीआर के अलावा अन्य राज्यों में भी प्री-मानसून एक्टिविटीज शुरू हो गई हैं, तो वहीं ओडिशा में मानसून कब पहुंचेगा इसका खुलासा हो गया है।
24 घंटे के अंदर ओडिशा में दस्तक दे सकता है Monsoon
विभाग के मुताबिक 11 जून को मानसून ओडिशा पहुंच जाएगा जिसके कारण यहां अब भारी बारिश का सिलसिला शुरू होने वाला है , विभाग ने पहले से ही यहां अलर्ट जारी किया हुआ है, दरअसल बंगाल की खाड़ी में बना प्रेशर बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिसके कारण आईएमडी ने कहा है कि मानसून किसी राज्य में वक्त से पहले भी पहुंच सकता है, वैसे भी ओडिशा में 'चक्रवात गति' की भी आशंका बनी हुई है, जिसको लेकर पहले ही मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है।
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भारी बारिश का अलर्ट हुआ जारी
मौसम विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून पश्चिम मध्य और उत्तरी बंगाल की खाड़ी के कुछ और भागों में आगे बढ़ा है, इसके बढ़ने से कई राज्यों पर असर पड़ेगा जिसकी वजह से आज से पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में बारिश का सिलसिला शुरू हो सकता है जो कि 13 जून तक जारी रह सकता है।
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जानिए आखिर 'मानसून' कहते किसे हैं?
मानसून मूलतः हिंद महासागर एवं अरब सागर की ओर से भारत के दक्षिण-पश्चिम तट पर आनी वाली हवाओं को कहते हैं जो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि में भारी वर्षा करातीं हैं। ये ऐसी मौसमी पवन होती हैं, जो दक्षिणी एशिया क्षेत्र में जून से सितंबर तक, प्रायः चार माह सक्रिय रहती है। इस शब्द का प्रथम प्रयोग ब्रिटिश भारत में (वर्तमान भारत, पाकिस्तान एवं बांग्लादेश) एवं पड़ोसी देशों के संदर्भ में किया गया था। ये बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से चलने वाली बड़ी मौसमी हवाओं के लिये प्रयोग हुआ था, जो दक्षिण-पश्चिम से चलकर इस क्षेत्र में भारी वर्षाएं लाती थीं। हाइड्रोलोजी में मानसून का व्यापक अर्थ है- कोई भी ऐसी पवन जो किसी क्षेत्र में किसी ऋतु-विशेष में ही अधिकांश वर्षा कराती है।
मानसून की अवधि में तापमान में कमी आती है...
सामान्यत: मानसून की अवधि में तापमान में तो कमी आती है, लेकिन आर्द्रता (नमी) में अच्छी वृद्धि होती है। आद्रता की जलवायु विज्ञान में महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है। यह वायुमंडल में मौजूद जलवाष्प की मात्र से बनती है और यह पृथ्वी से वाष्पीकरण के विभिन्न रूपों द्वारा वायुमंडल में पहुंचती है।