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अब लेट नहीं होगी ट्रेनें, रेलवे ने की खास तैयारी, स्टैंडर्ड ट्रेनों में होंगे 22 कोच

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नई दिल्ली। ट्रेन से सफर करने वालों की सबसे बड़ी शिकायत यहीं होती है ट्रेनें अक्सर लेट हो जाती है। सर्दियों में कोहरे की वजह से ट्रेनों का लेट होना तो आम बात हो गई है। ट्रेनों के लेट होने से न केवल लोग परेशान होते हैं बल्कि रेलवे को भी काफी वित्तीय नुकसान होता है। लेकिन अब रेलवे ने इस परेशानी से बचने का भी तरीका ढूढ़ निकाला है। आइए हम आपको बताते हैं कि कैसे अब रेलवे ट्रेनों को लेट होने से रोक पाएगी।

नहीं लेट होंगी ट्रेनें

नहीं लेट होंगी ट्रेनें

भारत में ट्रेनों का लेट होना आम है। सर्दी में कोहरे की वजह से अधिकांश ट्रेनें लेट होती हैं। जिसकी वजह से रेलवे को खासा नुकसान होता है। ऐसे में अब रेलवे ने ट्रेनों को स्टैंडर्ड बनाने की तैयारी कर ली है। इस योजना के तहत रेलवे ने तय किया है कि सभी ट्रेनों में कोचों की संख्या को समान रखा जाएगा।

सभी ट्रेनों में होंगे 22 कोच

सभी ट्रेनों में होंगे 22 कोच

रेलवे की इस योजना के मुताबिक सभी ट्रेनों में समान कोच रखे जाएंगे।। जिससे कोई भी ट्रेन किसी भी रूट पर चल पाएगी। रेलवे की इस स्कीम के तहत सभी ट्रेनों में 22 कोच होंगे। जिससे किसी भी ट्रेन के लोट होने पर दूसरी ट्रेन को तय समय पर उस रूट पर चलाया जा सकेगा।

रेलवे की योजना

रेलवे की योजना

रेलवे की इस स्कीम के तहत न केवल कोचों की संख्या समान की जाएगी बल्कि प्लैटफॉर्म्स की लंबाई को भी बढ़ाया जाएगा। रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग के तहत कई बदलाव किए जाएंगे, जिसके ट्रेनों को लेट होने से रोका जा सकेगा।

कोच की संख्या बराबर करने का फायदा

कोच की संख्या बराबर करने का फायदा

रेलवे के मुताबिक फिलहाल रेल वे में दो तरह की कोच होती है। ICF और LHB, जिसमें डिमांड और दूरी के हिसाब से 12, 16, 18, 22 और 26 कोच होते हैं। ऐसे में किसी ट्रेन के लेट होने से दूसरी ट्रेन को उसके नाम से किसी भी रूट पर नहीं चलाया जा सकता। लेकिन नई नीति के लागू हो जाने के बाद ये समस्या खत्म हो जाएगी। और ट्रेनों के लेट होने पर मुख्य ट्रेन का इंतजार नहीं करना होगा। ट्रेन लेट होने पर किसी और ट्रेन को भेजा जा सकेगा।

स्टैंडर्ड ट्रेन

स्टैंडर्ड ट्रेन

रेलवे के मुताबिक स्टैंडर्ड ट्रेनों की रुपरेखा एक जैसी होगी, यानी सभी स्टैंडर्ड ट्रेनों में जनरल, स्लीपर, एसी कोचों की संख्या एक जैसी होगी। पहले फेज में 300 ट्रेनों और रूटों को चुना गया है, जहां स्टैंडर्ड ट्रेनें लगाई जाएगी।

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English summary
The railways is planning a standardisation of trains in terms of number of coaches so that all trains can run on all routes.
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