दिहाड़ी मजदूर के बेटे और सब्जी विक्रेता की बेटी ने पास किया NEET एग्जाम, अब करेंगे डॉक्टरी की पढ़ाई
भुवनेश्वर, सितंबर 09। ओडिशा में एक दिहाड़ी मजदूर और एक सब्जी विक्रेता के वो सपने पूरे हो गए हैं, जो उन्होंने अपने बच्चों के लिए देखे थे। दरअसल, गंजम जिले के पोलासरा ब्लॉक में रहने वाले शांतनु दलाई ने नीट परीक्षा 2022 में ऑल इंडिया रैंक 19,678 हासिल की है। शांतनु के पिता एक दिहाड़ी मजदूर हैं। वहीं गजपति जिले की रहने वाली इशरिता पांडा ने 11,895वीं रैंक हासिल की है। इशरिता के पिता एक सब्जी विक्रेता है और उन्हें 720 में से 622 अंक मिले हैं।
दूसरे प्रयास में पास की परीक्षा
शांतनु और इशरिता ने अपने माता-पिता के उस सपने को साकार कर दिया है, जो उन्होंने अपने बच्चों के लिए देखे थे और उन सपनों को पूरा करने के लिए उन्होंने बहुत संघर्ष किया और बुरे से बुरा वक्त भी देखा। शांतनु और इशरिता ने दूसरे प्रयास में यह परीक्षा क्रैक की है। पिछले साल पहले मौके में वो इस परीक्षा को पास नहीं कर पाए थे।
कड़ी मेहनत से मिली यह उपलब्धि- इशरिता
इशरिता ने अपनी इस उपलब्धि को लेकर कहा है कि इसके पीछे उनकी कड़ी मेहनत और उनके माता-पिता का कड़ा परिश्रम है। इशरिता का कहना है कि वो अपने प्रदर्शन से खुश हैं और अब कटक या बेरहामपुर में मेडिकल कॉलेज में सीट पाने की उम्मीद रखती हैं।
दिहाड़ी मजदूर के बेटे शांतनु दलाई का कहना है कि वो राज्य के किसी भी सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेना चाहते हैं। शांतनु ने बताया कि वो सुधीर राउत द्वारा संचालित आर्यभट्ट नामक एक निजी संस्थान में भी निःशुल्क कोचिंग ले रहे थे। शांतनु के पिता का कहना है कि परिवार में आर्थिक संकट के बावजूद भी मैंने कभी बच्चों की पढ़ाई को नजरअंदाज नहीं किया।
वहीं इशरिता पांडा के पिता ने कहा कि उन्होंने COVID-19 के कारण पिछले दो सालों में अपने काम का काफी नुकसान होते देखा है, लेकिन फिर उन्होंने बेटी की पढ़ाई पर इसका असर नहीं पड़ने दिया। उनका कहना है कि वो यह चाहते हैं कि उनकी बेटी अब डॉक्टर बने।
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