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शिवराज ने की थी आजीवन अविवाहित रहने की प्रतिज्ञा, जानिए फिर कैसे मिलीं उन्हें साधना, पढ़ें रोचक लवस्टोरी

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भोपाल। भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं। इसके साथ ही शिवराज सिंह ने एमपी के सबसे ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया है। एमपी के मामा के नाम से लोकप्रिय शिवराज सिंह निजी जीवन में काफी विनोदप्रिय और धैर्यशाली व्यक्ति कहे जाते हैं, चलिए आज हम उनके निजी जीवन के बारे में बात करते हैं।

शिवराज ने की थी आजीवन अविवाहित रहने की प्रतिज्ञा

शिवराज ने की थी आजीवन अविवाहित रहने की प्रतिज्ञा

और जिक्र करते हैं उनकी प्रेम कहानी का,जिसके बारे में सबको पता नहीं हैं, दरअसल 5 मार्च, 1959 को जैतगांव, सिहोर जिले में जन्मे शिवराज सिंह चौहान का रूख बचपन से ही राजनीति की ओर हो गया था, साल 1972 में ही शिवराज सिंह चौहान 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ' से जुड़ गए थे और राजनीतिक आंदोलन और सेवा श्रम करते हुए शिवराज सिंह ने फैसला कर लिया था कि वो आजीवन अविवाहित ही रहेंगे। उन्होंने अपने माता-पिता के सामने ही हमेशा कुंवारे रहने की प्रतिज्ञा भी ली थी।

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बहन की हठ से मिली साधना

बहन की हठ से मिली साधना

माता-पिता की तमाम कोशिशों के बावजूद भी जब शिवराज सिंह नहीं माने तो मां-बाप ने भी जिद छोड़ दी और उनसे छोटे भाई और बहनों की शादी करवाना शुरू कर दी लेकिन 1991 में शिवराज सिंह चौहान की सोच बदल गई, वो इसी साल पहली बार विदिशा संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए थे जिसके बाद उनकी बहन ने उनके सामने एक लड़की से शादी का प्रस्ताव रखा, हालांकि शिवराज सिंह ने मना कर दिया लेकिन बहन की हठ के आगे उन्होंने एक बार उस लड़की को मिलने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया, हालांकि वो ये सोचे बैठे थे कि वो लड़की से मिलते ही शादी के लिए मना कर देंगे लेकिन विधाता को कुछ और ही मंजूर था।

 साधना के देखते ही शिवराज भूल गए अपनी प्रतिज्ञा

साधना के देखते ही शिवराज भूल गए अपनी प्रतिज्ञा

वो लड़की थीं गोदिंया के मतानी परिवार की बेटी साधना, जिन्हें देखते ही शिवराज सिंह अपनी सारी प्रतिज्ञा भूल गए, साधना पहली ही नजर में शिवराज सिंह को भा गईं और उन्होंने शादी के लिए हां बोल दिया, साधना की सादगी ने शिवराज सिंह को इस कदर प्रभावित कर दिया कि उन्होंने अपने प्रेम की बात कहने के लिए साधना को पत्र भी लिखा था। जिसमें अपने प्रेम के इजहार के साथ ही साधना को शिवराज सिंह ने अपने काम के बारे में और समाज सेवा के बारे में बताया था और कहा था कि वो सामान्य पति-पत्नी जैसा जीवन नहीं जी सकते हैं।

 6 मई 1992 को शिवराज और साधना शादी के बंधन में बंध गए...

6 मई 1992 को शिवराज और साधना शादी के बंधन में बंध गए...

साधना को भी शिवराज सिंह की ये सच्चाई भा गईं और उन्होंने उनके साथ जिंदगी व्यतीत करने का फैसला ले लिया और आज दोनों आदर्श पति-पत्नी के रूप में समाज में जाने जाते हैं। 6 मई 1992 को शिवराज और साधना शादी के बंधन में बंध गए, विवाह के बाद शिवराज सिंह का कद राजनीति में बढ़ता चला गया और साधना के ऊपर घर की जिम्मेदारी बढ़ गई लेकिन साधना अपना वचन निभाते हुए बखूबी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रही हैं।

ऐसे बनी वो 'शिव की साधना'

ऐसे बनी वो 'शिव की साधना'

एक इंटरव्यू में शिवराज सिंह ने कहा था कि साधना ने उनसे कभी कोई जिद नहीं की और जब बेटे कुणाल और कार्तिकेय स्कूल जाने लगे तो पैरेंट्स टीचर मीटिंग से लेकर पढ़ाई तक सब जिम्मेदारी उनकी पत्नी ने ही संभाली है, हर सफल पुरुष के पीछे एक महिला होती है और मेरी सफलता के पीछे मेरी पत्नी साधना ही हैं।

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English summary
Shivraj Singh Chouhan sworn in as Madhya Pradesh CM for 4rth time,here is interesting love story, please read something unknwon facts about his wife Sadhna Singh.
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