शत्रुघ्न सिन्हा का तंज, मध्य प्रदेश भाजपा के तीन खेमे- महाराज, शिवराज और नाराज
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता, पूर्व सांसद और एक्टर शत्रुघ्न सिन्हा ने मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और शिवराज सरकार के भीतर खींचतान की खबरों को लेकर निशाना साधा है। सिन्हा ने मंगलवार को किए अपने ट्विटर में लिखा है, मध्य प्रदेश में बीजेपी तीन खेमों में बंट गई है- पहला- महाराज, दूसरा- नाराज और तीसरा- शिवराज।
मध्य प्रदेश में हाल ही में शिवराज सिंह चौहान ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया है। मंत्रिमंडल में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस से आए नेताओं को काफी अहमियत दी गई है। जिसके बाद ऐसी अटकले हैं कि मंत्री बनने की आस लगाए बैठे पुराने भाजपाई नाराज हैं। वहीं पार्टी भी शिवराज और ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमें में बंटी है। ऐसे में सिन्हा ने अपने ट्वीट में महाराज यानी ज्योतिरादित्य सिंधिया, शिवराज सिंह चौहान और मंत्री ना बनाए जाने से नाराज नेताओं के बीच खींचतान का इशारा किया है।
Are you going to say something about this Sir?👇👇
😔
मध्य प्रदेश में भाजपा तीन खेमो में बट गयी।
1.महाराज,
2.नाराज ,और
3.शिवराज🤣
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) July 7, 2020
मंत्रियों के विभागों को लेकर खींचतान
मध्य प्रदेश में 2018 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने सरकार बनाई थी। मार्च में ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके खेमे के 22 विधायकों ने इस्तीपा दे दिया था। जिससे कांग्रेस सरकार गिर गई थी। सिंधिया और उनके समर्थन में इस्तीफा देने वाले विधायक अब भाजपा में हैं। भाजपा के सत्ता में वापसी करने के बाद से ही सिंधिया अपना प्रभाव बनाए हुए हैं और इसका असर प्रदेश की राजनीति पर दिख रहा है। मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद शिवराज करीब एक महीने अकेले सरकार चलाते रहे फिर पांच मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। सौ दिन की सरकार चलाने के बाद 2 जुलाई को शिवराज ने अपने मंत्रिमंडल में 28 और मंत्रियों को शामिल किया है।
मंत्रिमंडल विस्तार में हुई इस देर को शिवराज और सिंधिया खेमे के बीच खींचतान को बताया गया। अब विभागों को लेकर भी जोड़तोड़ की बात सामने आ रही है। मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के पांच दिन बाद विभागों के बंटवारे को लेकर अभी तक सीएम शिवराज सिंह चौहान कोई फैसला नहीं कर पाए हैं। कहा जा रहा है कि सिंधिया अपने खेमें के मंत्रियों को स्वास्थ्य, राजस्व, परिवहन, श्रम और खाद्य जैसे विभाग चाहते हैं, जिसके चलते सहमित नहीं बन पा रही है।