पूर्व पीएम नेहरू की तस्वीर शेयर कर शशि थरूर ने साधा देवेंद्र फडणवीस पर निशाना
शशि थरूर ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की एक तस्वीर शेयर कर देवेंद्र फडणवीस के ऊपर निशाना साधा है...
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में बीते शनिवार को सुबह-सुबह बनी भारतीय जनता पार्टी की सरकार चार दिनों के भीतर ही गिर गई। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से फ्लोर टेस्ट का आदेश दिए जाने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। फडणवीस से पहले अजित पवार ने भी डिप्टी सीएम के पद से इस्तीफा दिया। इस्तीफा देने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उन्हें सरकार बनाने के लिए जनादेश मिला था, लेकिन शिवसेना ने एनडीए को धोखा दिया। वहीं, कांग्रेस के दिग्गज नेता शशि थरूर ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की एक तस्वीर शेयर कर देवेंद्र फडणवीस के ऊपर निशाना साधा।
शथि थरूर ने ऐसे कसा फडणवीस पर तंज
शशि थरूर ने अपने ट्विटर हैंडल पर दो तस्वीरों का एक कोलाज शेयर किया। इसमें एक तरफ आधी रात को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेते हुए जवाहर लाल नेहरू की तस्वीर थी तो दूसरी तरफ सीएम पद की शपथ लेते हुए देवेंद्र फडणवीस की तस्वीर थी। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की तस्वीर के नीचे शशि थरूर ने लिखा- '1974: आधी रात के वक्त, जब दुनिया सोती है तो भारत जीवन और स्वतंत्रता के लिए जागता है।' वहीं, देवेंद्र फडणवीस की तस्वीर के नीचे थरूर ने लिखा- '2019: आधी रात के वक्त, जैसे ही भारत सोता है, दुनिया हमारी स्वतंत्रता पर हमला करने के लिए जागती है।'
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— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) November 26, 2019 |
फ्लोर टेस्ट से पहले ही फडणवीस ने दिया इस्तीफा
आपको बता दें कि बीते शुक्रवार को शाम में एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने बयान दिया था कि तीनों दल मिलकर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र में सरकार बनाएंगे। इसके अगले ही दिन सुबह करीब 7 बजे देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। मामले को लेकर भाजपा की सरकार के खिलाफ शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि महाराष्ट्र में 27 नवंबर को शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट कराया जाए। हालांकि इससे पहले ही देवेंद्र फडणवीस ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने पेश किया दावा
इससे पहले कल यानी सोमवार को शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं ने राजभवन जाकर विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंपी थी। हालांकि इस दौरान राजभवन में राज्यपाल मौजूद नहीं थे। तीनों दलों के नेताओं ने कहा कि उनके पास कुल 154 विधायकों का समर्थन है। एनसीपी ने भी दावा किया है कि 54 में से 53 विधायकों का समर्थन उनके पास है और ऐसे में भाजपा का सरकार बनाना अलोकतांत्रिक है। एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि अजित पवार ने भाजपा के साथ जाकर गलती है और उन्हें डिप्टी सीएम के पद से इस्तीफा देकर वापस अपनी पार्टी में आना चाहिए।
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