'मेरे अलावा कोई नहीं था UPA सरकार में मोदी से चर्चा करने वाला', शरद पवार ने किया खुलासा
Sharad Pawar said that there was no such minister in the UPA government who would talk to Modi other than me
मुंबई, 30 दिसंबर: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख और दिग्गज राजनेता शरद पवार ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में खुलकर अपनी बात रखी। राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि उनकी और तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह की राय थी कि गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई 'बदले वाली' राजनीति नहीं की जानी चाहिए।
दरअसल, एक कार्यक्रम के शामिल होने पहुंचे पवार ने बुधवार को पीएम मोदी को लेकर चर्चा की थी, जिसमें उन्होंने बताया कि मेरा अलावा पूर्ववर्ती यूपीए सरकार में कोई ऐसा मंत्री नहीं था, जो मोदी के साथ बातचीत कर सके, क्योंकि वह मनमोहन सरकार पर लगातार हमला करते थे। मराठी दैनिक 'लोकसत्ता' की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में 81 साल के एनसीपी चीफ शरद पवार ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की सरकार के दौर के अनुभवों को सबके सामने रखा। बता दें कि 2004 से 2014 तक कांग्रेस की यूपीए सरकार में शराद पवार कृषि मंत्री रहे थे।
यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी और मनमोहन सिंह की राय थी कि मोदी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि वह ऐसे समय में मुख्यमंत्री थे, जब केंद्रीय एजेंसियां और तत्कालीन सरकार उनके पीछे पड़ी थी, जिसका जवाब देते हुए पवार ने कहा कि यह आंशिक रूप से सच है। उन्होंने कहा कि जब मोदीजी गुजरात के सीएम थे, तब मैं केंद्र में था। जब पीएम सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाते थे तो मोदीजी बीजेपी शासित राज्यों के सीएम के एक समूह का नेतृत्व करते थे और केंद्र पर हमला करते थे। यूपीए सरकार में मेरे अलावा एक भी मंत्री ऐसा नहीं था, जो मोदी जी से बातचीत कर सके।
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एनसीपी चीफ ने आगे बताया कि यूपीए की आंतरिक बैठकों में वह उपस्थित सभी लोगों से कहा करते थे कि भले ही उनके, मोदी और उनकी पार्टी भाजपा के बीच मतभेद हों, किसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि वह एक मुख्यमंत्री थे। पवार ने कहा कि मैं मीटिंग में यह कहता था कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वह एक राज्य के मुख्यमंत्री हैं और लोगों ने उन्हें जनादेश दिया है। यदि वह यहां मुद्दों के साथ आ रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है कि मतभेदों को सुलझाया जाए और लोगों का हित किया जाए। उनके राज्य से प्रभावित नहीं हैं। साथ ही पवार ने बताया की तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह उनकी बातों का समर्थन किया करते थे।