कर्नाटक: मंदिर के प्रसाद में ट्रस्ट के अध्यक्ष ने मिलाया था जहर, सामने आई चौंकाने वाली बात
बेंगलुरु। पुलिस ने कर्नाटक के चामराजनगर जिले में एक मंदिर के प्रसाद में जहर मिलाने की घटना के संबंध में बुधवार को एक स्थानीय महंत को गिरफ्तार किया। इस घटना में 15 लोगों की मौत हो गई थी। चामराजनगर जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एम एस गीता ने बताया कि महादेश्वर हिल सालुरु मठ के महंत पीआई महादेवस्वामी को गिरफ्तार किया गया है। उनकी इस घटना में भूमिका थी। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी केवी शरतचंद्र ने बताया कि 2017 तक मंदिर पर महंत का नियंत्रण था।
फिर मंदिर के विस्तार के लिए काफी धन इकट्ठा हो जाने के बाद अप्रैल, 2017 में गांववालों और श्रद्धालुओं ने इस काम के लिए एक ट्रस्ट बना दिया। इससे महंत की ताकत घट गई जिससे वह नाराज था। पुलिस के मुताबिक इसके बाद महंत ने ट्रस्ट को बदनाम करने की साजिश रची। इसी के तहत प्रसाद में जहर मिला दिया गया ताकि ट्रस्ट को बदनाम किया जा सके।
मंदिर में आता था खासा चढ़ावा
स्थानीय लोगों के काफी जोर देने के बाद ट्रस्ट का गठन किया गया था क्योंकि वह चाहते थे कि मंदिर का विस्तार हो। मंदिर में काफी संख्या में कर्नाटक और तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों के श्रद्धालु आते थे। इनके कारण मंदिर में चढ़ावे के रूप में काफ़ी पैसा भी आता था। हाल ही में विवाद की ताज़ा वजह एक मंदिर के टावर का निर्माण था। पुलिस अधीक्षक मीणा ने कहा, "स्वामीजी चाहते थे गोपुरम (मंदिर का टावर) डेढ़ करोड़ रुपये की लागत में तमिलनाडु के आर्किटेक्ट उसे बनाएं लेकिन दूसरे सदस्य चाहते थे कि इस पर केवल 50 से 55 लाख रुपये ख़र्च किए जाने चाहिए।
ट्रस्ट के सदस्यों को महसूस हुआ कि स्वामीजी उनके रास्ते में बाधाएं खड़ी कर रहे हैं।" "ट्रस्ट के सदस्यों ने एकतरफ़ा फ़ैसला लेते हुए 14 दिसंबर को इसकी आधारशिला रख दी और ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामीजी को केवल सूचित कर दिया। स्वामीजी ने तुरंत अंबिका, मदेश और डोडैया के साथ साज़िश करके खाने में ज़हर मिला दिया ताकि ट्रस्ट के सदस्यों को दोषी ठहराते हुए गिरफ़्तार कर लिया जाए। स्वामीजी की योजना मदेश को ट्रस्टी बनाने की थी।"