Rare Pics: यहां देखें सुषमा स्वराज की कुछ अनदेखी तस्वीरें
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अब हमारे बीच नहीं है, अचानक उनके यूं चले जाने से पूरा देश सदमे में है, वो केवल भाजपा की ही नहीं बल्कि पूरे देश की लोकप्रिय नेताओं में से एक थीं, जिन्हें कोई शायद कभी भी भूल नहीं पाएगा। गौरतलब है कि सुषमा स्वराज का मंगलवार देर शाम दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। हार्ट अटैक के बाद सुषमा स्वराज को एम्स लाया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। मोदी सरकार में वो अकेली मंत्री थीं, जो ट्विटर पर ही लोगों की समस्याओं पर तुरंत एक्शन लेती थीं।
चलिए कुछ अनदेखी तस्वीरों के जरिए डालते हैं सुषमा स्वराज के राजनीतिक सफर पर एक नजर..........
सुषमा स्वराज के निधन से शोक में डूबा भारत
आज पीएम से लेकर हर आम की आखें नम हैं, किसी के लिए सुषमा मां थीं तो किसी के लिए बड़ी बहन, हर कोई अपनी तरह से इस लोकप्रिय नेता को याद कर रहा है, आपको बता दें कि दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री रही सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को हरियाणा के अंबाला कैंट में हुआ था, उनके पिता हरदेव शर्मा आरएसएस से जुड़े थे और संगठन में उनकी बहुत अच्छी छवि थी, शादी से पहले सुषमा शर्मा थीं।
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अंबाला छावनी के SSD कॉलेज से BA की पढ़ाई की
उन्होंने अंबाला छावनी के SSD कॉलेज से BA की पढ़ाई की, सुषमा एक होनहार छात्रा थीं और अंबाला छावनी के एसडी कॉलेज से उन्हें सर्वश्रेष्ठ छात्रा का पुरस्कार मिला था।
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13 जुलाई 1973 से स्वराज कौशल से किया प्रेम विवाह
इसके बाद उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़ से विधि की शिक्षा प्राप्त की, 1973 में ही स्वराज भारतीय सर्वोच्च न्यायलय में अधिवक्ता के पद पर कार्य करने लगी, 13 जुलाई 1973 को उनका प्रेम विवाह स्वराज कौशल के साथ हुआ, जो सर्वोच्च न्यायलय में उनके सहकर्मी और साथी अधिवक्ता थे। स्वराज दम्पत्ति की एक पुत्री है, बांसुरी, जिन्होंने लंदन के इनर टेम्पल से वकालत किया है।
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ए.बी.वी.पी के साथ शुरू हुआ था राजनीतिक करियर
सुषमा स्वराज का राजनीतिक करियर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ए.बी.वी.पी.) के साथ शुरू हुआ था, उन्होंने आपातकाल के विरोध में सक्रिय प्रचार किया था। जुलाई 1977 में उन्हें चौधरी देवीलाल की कैबिनेट में मंत्री बनाया गया था। भाजपा लोकदल की हरियाणा में इस गठबंधन सरकार में वे शिक्षा मंत्री थीं।
1996 में वे 11वीं लोकसभा के लिए चुनी गईं...
1996 में वे 11वीं लोकसभा के लिए चुनी गई और अटल बिहारी वाजपेयी की तेरह दिनी सरकार में सूचना प्रसारण मंत्री रहीं। 12वीं लोकसभा के लिए वे फिर दक्षिण दिल्ली से चुनी गईं और पुन: उन्हें सूचना प्रसारण मंत्रालय के अलावा दूरसंचार मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया। अक्टूबर 1998 में उन्होंने केन्द्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया और दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं लेकिन बाद में जब विधानसभा चुनावों में पार्टी हार गई तो वे राष्ट्रीय राजनीति में लौट आईं।
2000 में वे फिर से राज्यसभा में पहुंचीं ...
वर्ष 1999 में उन्होंने आम चुनावों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ बेल्लारी संसदीय क्षेत्र, कर्नाटक से चुनाव लड़ा, लेकिन वे हार गईं। 2000 में वे फिर से राज्यसभा में पहुंचीं थीं और उन्हें पुन: सूचना-प्रसारण मंत्री बना दिया गया, वे मई 2004 तक सरकार में रहीं। अप्रैल 2009 में वे मध्यप्रदेश से राज्यसभा के लिए चुनी गईं और वे राज्यसभा में प्रतिपक्ष की उपनेता रहीं।
मोदी सरकार में विदेश मंत्री बनीं
बाद में, विदिशा से लोकसभा के लिए चुनी गईं और उन्हें लालकृष्ण आडवाणी के स्थान पर नेता प्रतिपक्ष बनाया गया। साल 2014 का चुनाव उन्होंने एक बार फिर से विदिशा से लड़ा और भारी बहुमत से विजयी हुईं और वो मोदी सरकार में विदेश मंत्री बनीं।
असाधारण सांसद का पुरस्कार मिला....
ट्विटर पर सबसे लोकप्रिय हस्तियों में से एक सुषमा स्वराज बहुत सारी खूबियों का मालकिन थीं, सुषमा स्वराज भाजपा की प्रथम महिला नेता थी जो कि मुख्य मंत्री, केन्द्रीय मंत्री, महासचिव, प्रवक्ता, विपक्ष की नेता एवं विदेश मंत्री बनीं , वे भारतीय संसद अकेली महिला सांसद थीं जिन्हें असाधारण सांसद का पुरस्कार मिला था।
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