उमर अब्दुल्ला की हिरासत मामले पर SC का बड़ा फैसला, जम्मू-कश्मीर प्रशासन को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की हिरासत के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से जवाब मांगा है। बता दें कि उमर अब्दुल्ला की बहन सारा अब्दुल्ला ने पब्लिक सेफ्टी एक्ट, 1978 के तहत नजरबंदी को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी जिसपर उन्हें बड़ी राहत मिली है। मामले की सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन को नोटिस जारी कर 2 मार्च तक जवाब दाखिल करने को कहा है।
सारा
अब्दुल्ला
ने
क्या
कहा?
सुप्रीम
कोर्ट
के
फैसले
के
बाद
सारा
अब्दुल्ला
का
बयान
भी
सामने
आया
है।
उन्होंने
कहा,
हमें
उम्मीद
थी
कि
उमर
अब्दुल्ला
की
हिरासत
मामले
पर
हमारी
अपील
सुनी
जाएगी
क्योंकि
यह
नजरबंदी
प्रत्यक्षीकरण
का
मामला
है।
लेकिन
हमें
न्याय
प्रणाली
पर
पूरा
भरोसा
है।
हम
यहां
हैं
क्योंकि
हम
चाहते
हैं
कि
सभी
कश्मीरियों
को
भारत
के
सभी
नागरिकों
के
समान
अधिकार
होना
चाहिए
और
हम
उस
दिन
की
प्रतीक्षा
कर
रहे
हैं।
Supreme Court issues notice to the Jammu and Kashmir administration on the plea of Sara Abdullah Pilot, former J&K CM Omar Abdullah’s sister challenging his detention under Jammu and Kashmir Public Safety Act, 1978. The Court asks J&K administration to file a reply by March 2. pic.twitter.com/JFzyYfVthc
— ANI (@ANI) February 14, 2020
जज
ने
मामले
से
कर
लिया
था
खुद
को
अलग
बता
दें
कि
बुधवार
को
सुप्रीम
कोर्ट
के
जस्टिस
मोहन
एम
शांतनगौदर
की
बेंच
ने
सुनवाई
करते
हुए
मामले
से
खुद
को
अलग
कर
लिया
था।
अपने
भाई
की
हिरासत
के
खिलाफ
अब
उनकी
बहन
सारा
अब्दुल्ला
पायलट
ने
सुप्रीम
कोर्ट
में
याचिका
दायर
की
थी
जिसकी
सुनवाई
से
मोहन
एम
शांतनगौदर
ने
खुद
को
अलग
कर
दिया
था।
उन्होंने
कहा
था
कि
मैं
इसका
हिस्सा
नहीं
बनना
चाहता।
इसके
बारे
में
न्यायाधीश
ने
और
विस्तार
से
नहीं
बताया।
बुधवार
को
मामले
की
सुनवाई
के
दौरान
बेंच
पर
न्यायाधीश
जस्टिस
एनवी
रमना
और
संजीव
खन्ना
थे।
Sara Abdullah Pilot: We were hopeful that,as this is a habeas corpus case, that the relief would be sooner. But we have full faith in the justice system. We're here because we want that all Kashmiris should have the same rights as all citizen of India & we're waiting for that day https://t.co/F8vFTjx9dd pic.twitter.com/mWXDgqryEl
— ANI (@ANI) February 14, 2020
पिछले
हफ्ते
लगाया
गया
पीएसए
पिछले
गुरुवार
को
उमर
के
अलावा
एक
और
पूर्व
मुख्यमंत्री
महबूबा
मुफ्ती
को
भी
पीएसए
के
तहत
बुक
किया
गया
है।
दोनों
नेताओं
पर
पीएसए
उस
समय
लगाया
गया
जब
उनकी
छह
माह
से
जारी
नजरबंदी
को
खत्म
होने
में
बस
कुछ
घंटों
का
समय
बाकी
था।
अगस्त
2019
में
जब
केंद्र
सरकार
की
तरफ
से
घाटी
से
आर्टिकल
370
हटाया
गया
था
तो
उसके
बाद
से
ही
उमर
और
उनके
पिता
फारूख
अब्दुल्ला
को
नजरबंद
रखा
गया
है।
पिछले
दिनों
उमर
की
एक
तस्वीर
भी
सामने
आई
थी
जिसमें
वह
बढ़ी
हुई
दाढ़ी
में
नजर
आ
रहे
थे।
उमर
की
बहन
सारा,
कांग्रेस
नेता
और
राजस्थान
के
उप-मुख्यमंत्री
सचिन
पायलट
की
पत्नी
हैं।
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