कृषि कानून तो वापस हो गया, अब आगे क्या ? संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया पूरा प्लान
नई दिल्ली, 19 नवंबर: राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र की ओर से जारी तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया है। इसी के साथ अब 14 महीनों से दिल्ली के बॉर्डर एरिया में चल रहा किसानों का आंदोलन भी खत्म हो गया है। हालांकि केंद्र सरकार के कृषि कानून पर अपने फैसले के बाद अभी आंदोलन जल्द खत्म होगा यह बताना जल्दबाजी होगी, लेकिन धरना स्थल पर किसानों ने मिठाई बांटकर अपनी जीत का जश्न मनाया है।
बैठक में बनेगी आगे की रणनीति
वहीं अब पीएम मोदी के ऐलान के बाद किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि हम प्रधानमंत्री के निर्णय का स्वागत करते हैं, लेकिन इसका श्रेय किसान संगठन, किसान आंदोलन और संयुक्त किसान मोर्चा को जाता है। मैं किसानों को बधाई देता हूं। हमारा संघर्ष जारी रहेगा। एक दो-दिन में हम संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक बुलाएंगे उसमें फैसला लेंगे।
शनिवार, रविवार को तस्वीर होगी साफ
किसान नेता दर्शन पाल ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा शनिवार, रविवार को अपनी कोर कमेटी की बैठक में भविष्य की रणनीति तय करेगा। वहीं उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि सरकार अपनी घोषणा (कृषि कानूनों पर) को बेकार नहीं जाने देगी और हमारी मांगों को पूरा करने के लिए पूरी तरह से आगे बढ़ेगी, जिसमें एमएसपी की गारंटी के लिए कानून भी शामिल है।
26 नवंबर को किसानों का जमावड़ा
संयुक्त किसान मोर्चा ने आगे बताया कि कृषि कानून के विरोध में जारी आंदोलन की पहली वर्षगांठ के मौके पर 26 नवंबर को बड़ी संख्या में किसानों को आंदोलन स्थलों पर लामबंद किया जा रहा है। वहीं इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा था कि एक साल में 675 से अधिक किसानों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा। इधर, भारतीय किसान यूनियन ने कहा कि वे तब तक विरोध करना बंद नहीं करेंगे जब तक कि संसद से कानून निरस्त नहीं हो जाते।
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