सचिन पायलट का गहलोत पर तंज- सपोर्ट नहीं कर सकते तो कम से कम अपमान तो मत करो
सचिन पायलट का गहलोत पर तंज- सपोर्ट नहीं कर सकते तो कम से कम अपमान तो मत करो
जयपुर, 06 सितंबर: राजस्थान में सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का छत्तीस का आंकड़ा है। जुलाई 2020 में सचिन पायलट ने गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोलकर लगभग उनकी सरकार को गिरा दिया था। इतने लंबे समय बाद एक बार फिर पार्टी की राज्य इकाई में दोनों के बीच की ये पुरानी आंतरिक प्रतिद्वंद्विता फिर से जनता में फैलती दिख रही है।
जैसे-जैसे राजस्थान में राज्य विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं और कांग्रेस भी पार्टी के नए अध्यक्ष का चुनाव भी होने वाला है ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अप्रत्यक्ष रूप से कटाक्ष किया है।
आपस में कीचड़ उछालने से परहेज करने की दी सलाह
कांग्रेस नेता सचिन पायलट के 45वें जन्मदिन से एक दिन पहले बड़ी संख्या में समर्थक जुटे थे। इस अवसर पर सचिन पायलट ने सोमवार को पार्टी कार्यकर्ताओं से एक-दूसरे का समर्थन करने और आपस में कीचड़ उछालने से परहेज करने का आग्रह किया।
राजस्थान के दौसा में सचिन पायलट ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा
अगर हम एक-दूसरे का समर्थन नहीं कर सकते, तो एक-दूसरे का अपमान तो न करें।अगर हम किसी को खुश करने के लिए नारे नहीं लगा सकते हैं, तो उसका विरोध न करें। हमें सभी को साथ लेकर चलना होगा।
गहलोत और सचिन पायलट के बीच क्यों है छत्तीस का आंकड़ा
याद रहे राजस्थान में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद सचिन पायलट मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने अधिक वरिष्ठ और अनुभवी अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बना दिया। 2018 के विधानसभा चुनावों के बाद अशोक गहलोत को शीर्ष पद पर पहुंचा दिया लेकिन माना जाता है कि राजस्थान में 2018 में कांग्रेस को जो जीत हासिल हुई वो सचिन पायलट की बदौलत मिली थी।सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री पद तो दिया गया लेकिन गहलोत से उनकी तनातनी रही। अंतत: जुलाई 2020 में, सचिन पायलट ने गहलोत के खिलाफ अपने विद्रोह के साथ सरकार को लगभग गिरा दी थी लेकिन पार्टी आलाकमान के दखल के बाद मामला सुलझा था।
कांग्रेस
अध्यक्ष
पद
की
दौड़
में
क्या
सबसे
आगे
हैं
अशोक
गहलोत
पार्टी
के
सूत्रों
ने
अनुसार
पायलट
खेमे
का
मानना
है
कि
अगर
कांग्रेस
2023
के
विधानसभा
चुनाव
में
राजस्थान
को
बरकरार
रखना
चाहती
है
तो
सचिन
पायलट
को
मुख्यमंत्री
पद
का
उम्मीदवार
बनाया
जाना
चाहिए।
वहीं
जयपुर
में
पायलट
का
जन्मदिन
समारोह
जहां
मंगलवार
को
बड़ी
संख्या
में
समर्थकों
के
एक
साथ
इकट्ठा
होने
की
उम्मीद
है
ताकि
वे
इस
संदर्भ
में
एक
बड़ा
राजनीतिक
महत्व
हासिल
कर
सकें।
कांग्रेस अध्यक्ष पद के क्या दावेदार हैं अशोक गहलोत
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 22 सितंबर को अधिसूचना जारी होगी और 24 से 30 सितंबर तक नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया होगी। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 8 अक्टूबर है और यदि आवश्यक हुआ तो चुनाव 17 अक्टूबर को होगा। परिणाम 19 अक्टूबर को आएंगे। वहीं अशोक गहलोत ने पिछले हफ्ते कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए उनके सबसे आगे होने की बात को खारिज किया था और कहा था कि राहुल गांधी को फिर से पार्टी की बागडोर संभालने के लिए मनाने के लिए अंतिम समय तक प्रयास किए जाएंगे।
Rajasthan: सत्ता में वापसी की कवायद में जुटी कांग्रेस, गहलोत पायलट की लोकप्रियता पर हुआ गोपनीय सर्वे