श्रीलंका में एक अस्पताल की स्थिति से दुखी हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर, तुरंत मदद का दिया निर्देश
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त से उस अस्पताल की मदद करने को कहा, जिसने दवाओं की कमी के कारण सर्जरी रोक दी थी।
नई दिल्ली, 29 मार्च। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त से उस अस्पताल की मदद करने को कहा, जिसने दवाओं की कमी के कारण सर्जरी रोक दी थी। बता दें कि श्रीलंका इस वक्त भारी आर्थिक संकट से गुजर रहा है। कई लोग देश छोड़कर भारत में शरण ले चुके हैं। एस जयशंकर ने कहा कि श्रीलंका की दयनीय आर्थिक स्थिति के बीच उन्होंने एक श्रीलंकाई पत्रकार का ट्वीट पढ़ा, जिसे पढ़कर वह परेशान हो गए थे।
पत्रकार का ट्वीट पढ़कर व्यथित हुए जयशंकर
श्रीलंका के पत्रकार अयूबोवन ने #EconomicCrisisLK के साथ ट्वीट करते हुए लिखा- दवाओं की कमी के कारण पेराडेनिया अस्पताल में निर्धारित सर्जरी को निलंबित कर दिया गया। वहां केवल आपातकालीन सर्जरी हो रही है। पत्रकार के इस ट्वीट को #NeighbourhoodFirst के साथ रिट्वीट करते हुए विदेशमंत्री एस जयशंकर ने लिखा- इस खबर से काफी व्यथित हूं। मैं उच्चायुक्त बागले से संपर्क करने और चर्चा करने के लिए कह रहा हूं कि भारत इसमें कैसे मदद कर सकता है।
विदेश मंत्री ने दिए तुरंत मदद के आदेश
श्रीलंका के तीन दिवसीय दौरे पर गए एस जयशंकर ने भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले को पेराडेनिया अस्पताल की मदद करने का निर्देश दिया। विदेश मंत्री बिम्सटेक समूह की बैठक में भाग लेने के लिए कोलंबो में थे। इसके सात सदस्यों में से पांच एशिया के हैं। बता दें कि सामरिक दृष्टि से श्रीलंका हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का प्रमुख पड़ोसी है और पीएम मोदी के सागर और नेबरहुड फर्स्ट पहल में एक विशेष स्थान रखता है।
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आर्थिक संकट का सामना कर रहा श्रीलंका
गौरतलब है कि श्रीलंका इस वक्त भारी आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। 2020 के बाद से लंका के विदेशी मुद्रा भंडार में 70% की गिरावट आई है, जिसकी वजह से खाद्द और ईंधन के आवश्यक आयात के लिए वह भुगतान नहीं कर पा रहा है। श्रीलंका ने भारत सहित कई देशों से मदद मांगी है। भारी आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के लिए भारत ने 1 बिलियन डॉलर की ऋण सहायता प्रदान करने की घोषणा की है। फरवरी में भारत सरकार ने कोलंबो को पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद में मदद करने के लिए 50 करोड़ डॉलर का ऋण दिया था।