रियल स्टेट और सर्राफा व्यवसायियों से मिलने वाले रिटर्न गिफ्ट भी माने जाएंगे पॉन्जी स्कीम
रियल स्टेट और सर्राफा में मिलने वाले रिटर्न गिफ्ट भी माने जाएंगे पॉन्जी स्कीम
नई दिल्ली। सरकार ने अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध लगाने संबंधी विधेयक, 2018 को संसद में पेश करने की मंजूरी दे दी है। यह कानून सदन के पटल पर अगले सत्र में रखा जाएगा। यह कानून रियल स्टेस और आभूषण के व्यापार पर भी लागू होगा सरकार का मानना है कि किसी भी फ्लैट के पॉजेशन से पहले कुछ रिटर्न गिफ्ट और इसी तरह सर्राफा कारोबार में भी कुछ ऐसी स्कीमें 'अनियमित आय' हैं। कई बार रियल स्टेट डेवलपर्स, जिन्होंने अपने पास नकदी कम रखी है, वो फ्लैट के पॉजेशन तक 12-14 फीसदी का अश्योर्ड रिटर्न या आकर्षक वादों के आधार पर निवेश की चाह रखी जाती है। इसी तरह, कई सर्राफा व्यवसायी, आभूषणों की खरीद पर 12वीं इन्सटॉलमेंट खुद से भरने का दावा कर, 11 इन्सटॉलमेंट ग्राहकों से भरने को कहते हैं। इसके बाद पैसों का इस्तेमाल एक अवधि के दौरान गहने खरीदने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
ऐसे अन्य लोग हैं जो उपभोक्ताओं को कम से कम 10 महीनों के लिए किश्तों का भुगतान करने को कहते हैं और, जमाराशियों की अवधि के आधार पर मासिक अंशदान के 50-60% छूट की पेशकश करते हैं। वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि ये स्कीमें कुछ और नहीं बल्कि डिपॉजिट हैं, जिन्हें नियमति होना चाहिए।
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विशेषकर बंगाल, ओडिशा और झारखंड में कई निवेशकों परेशान हो गए और वे गरीब लोग हैं। रियल एस्टेट क्षेत्र के बारे में हमें नोएडा और आसपास के शहरों से कई शिकायतें मिली हैं।
बता दें कि बीते दिनों मंत्रिमण्डल की ओर से मिली मंजूरी के बाद एक प्रेस वार्ता में इस कानून के बारे में जानकारी दी गई थी। बताया गया था कि इस विधेयक का उद्देश्य देश में गैर-कानूनी जमा राशि से जुड़ी समस्याओं से निपटना है। ऐसी योजनाएं चला रही कंपनियां/संस्थान वर्तमान नियामक अंतरों का लाभ उठाते है और कड़े प्राशासनिक उपायों के अभाव में गरीबों और भोले-भाले लोगों को ठगते हैं। अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध लगाने संबंधी विधेयक, 2018 देश में गैर-कानूनी बचत योजनाओं से जुड़ी बुराई से निपटने के लिए एक विस्तृत कानून प्रदान करेगा।