फेक TRP घोटाले में मुंबई पुलिस ने दाखिल किया आरोप-पत्र, रिपब्लिक TV का भी नाम
मुंबई। मुंबई पुलिस ने मंगलवार को फर्जी टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) मामले में स्थानीय अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। क्राइम ब्रांच इस केस में रिपब्लिक टीवी के डिस्ट्रीब्यूशन प्रमुख घनश्याम सिंह तथा दो चैनलों के मालिकों समेत अब तक 12 लोगों को 1400 पन्नों की चार्जशीट में आरोपी बनाया है। अपराध शाखा अब तक इस मामले में रिपब्लिक टीवी के डिस्ट्रिब्यूशन हेड समेत 12 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें से सात आरोपी जमानत पर बाहर हैं।
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पुलिस की चार्जशी में 140 गवाहों के नाम हैं, जिनमें फ़ोरेंसिक ऑडिटर और BARC या ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल के सदस्य शामिल हैं, जो चुनिंदा घरों की निगरानी करके TRP का आकलन करते हैं। सूत्रों के अनुसार, आरोपियों में से दो ने एक मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराए हैं और संकेत दिया है कि इस मामले में गवाह बनना चाहते हैं। चार्जशीट में BARC द्वारा प्रस्तुत विश्लेषणात्मक डेटा और गवाहों, विज्ञापनदाताओं और विज्ञापन एजेंसियों के बयान शामिल हैं।
मुंबई पुलिस ने 6 अक्टूबर को एफआईआऱ दर्ज की थी और हंसा रिसर्च के एक अधिकारी नितिन जोकर की शिकायत के आधार पर अपनी जांच शुरू की। बता दें कि दो दिन पहले कथित फर्जी टीआरपी घोटाले के संबंध में ईडी ने भी का एक मामला दर्ज किया है, जिसकी मुंबई पुलिस जांच कर रही है।
फर्जी टीआरपी घोटाला पिछले महीने तब सामने आया था जब रेटिंग एजेंसी 'ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल' (बार्क) ने 'हंसा रिसर्च ग्रुप' के जरिए एक शिकायत दर्ज करवाई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि कुछ टेलीविजन चैनल टीआरपी के आंकड़ों में हेरफेर कर रहे हैं। 'व्यूअरशिप डेटा' (कितने दर्शक कौन सा चैनल देख रहे हैं और कितने समय तक देख रहे हैं) दर्ज करने के लिए मशीन लगाने की जिम्मेदारी हंसा को दी गई थी। इस जानकारी को लीक किया गया और इसमें हेरफेर की गई।
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