सरकार की पुनर्वसन योजना की पोल खोलता पुणे का यह गांव
महाराष्ट्र सरकार का पुनर्वसन काम की हकीकत आई सामने, एक बारिश के बाद ही ढह गए सरकार द्वारा बनाए गए मकान
पुणे। पुणे के करीब मालीन नाम के गांव में तीन साल पहले एक आसमानी आपदा के चलते पूरा का पूरा गांव तबाह हो गया था। गांव में बसे सभी घर मिट्टी के ढेर के नीचे भूस्खलन में दब कर रहे गए थे, सरकार ने गांव और गांव वासियों के पुनवर्सन के लिए जो घर बनाए थे वह पहली बारिश में फिर से ढह गए। इससे सरकार द्वारा पीड़ितों को पुनवर्सन के नाम पर कितनी बड़ी ठगी की है इसका अंदाजा आप यहां बनाए गए बसेरों की जर्जर दीवारों और खराब खस्ता हालत में पायी गई सड़कों की तस्वीरों से साफ पता लगा सकते हैं।
पहली ही बरसात में खुली सरकार की पोल
पुनर्वसन हुए मालीन गांव की पहली बारिश में ही बिकट स्थिती साफ देखी जा सकती है। गांव के अनेक रास्ते जमीन के अंदर धंसे हुए दिखाई पड़ते हैं, दीवारों में बारिश की बुझारों की वजह से अभी से दरार साफ देखी जा सकती है। यह दरारें कोई छोटी मोटी नहीं बल्कि अच्छी खासी सीलन वाली बड़ी दरारें है। इससे साफ प्रतीत होता है कि यह घर नैसर्गिक आपदा के कारण वापस से कभी भी ढह सकते हैं।
2014 में चली गई थी 150 लोगों की जान
पुणे जिला के मालीन गांव में 30 जुलाई 2014 को भूस्खलन की वजह से पूरा गांव मिट्टी के नीचे दब गया था। इस दुर्घटना के बाद पूरा गांव सूनसान हो गया था, इस घटना में 150 लोगों की मौत हो गई थी। मालीन में सभी परिवारों का संसार मिट्टी के नीचे हमेशा के लिए दफन हो गया था। इस दुर्घटना के बाद राज्य सरकार ने मालीन गांव का पुनर्वसन करवाया था।
फड़नवीस सरकार ने किया था उद्घाटन
इस गांव का पुनर्वसन 2 अप्रैल को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा कराया गया था। मालीन गांव के पुनर्वसन के काम का उद्घाटन भी किया गया था। उद्घाटन के समय मालीन गांव के नए घरों, स्कूलों और मंदिरों का उद्घाटन किया गया था।
कॉलोनी छोड़ने को मजबूर लोग
उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री ने मालीन के निवासियों को आश्वासन दिया था कि मालीन को स्मार्ट गांव बनाएंगे, लेकिन पहली बारिश में पुनर्वसन में बनाए गए घरों, सड़कों की हालत देखते ही बनती है, मुख्यमंत्री का दिया गया आश्वासन झूठा साबित होता नजर आ रहा है, मालीन के नागरिक घरों की बदतर स्थिति को देखते हुए कहीं और स्थांनातरित होने का मन बना रहे हैं।