राहुल गांधी ने शेयर की राफेल पर फैसले की कॉपी, बोले- सुप्रीम कोर्ट ने जांच के बड़े दरवाजे खोल दिए हैं
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के राफेल डील मामले में जांच की मांग करने वाली पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज करने के बाद राहुल गांधी ने कहा है कि मामला खत्म नहीं हुआ है बल्कि फैसले ने जांच के नए दरवाजे खोल दिए हैं। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने फैसले में जस्टिस जोसेफ के कमेंट को ट्वीट करते हुए ये बात कही है। बता दें कि राफेल मामले पर राहुल गांधी काफी मुखर रहे हैं, वो लगातार कहते रहे हैं कि इस डील में नरेंद्र मोदी ने पद का गलत इस्तेमाल कर निजी कंपनी को फायदा पहुंचाया है। ऐसे में मामले की जांच होनी चाहिए।

राहुल गांधी ने ट्वीट में लिखा, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जोसेफ ने राफेल स्कैम मामले में जांच के नए द्वार खोल दिए हैं। अब पूरी तरह एक नई जांच शुरू होनी चाहिए। मामले की जांच के लिए एक ज्वाइंट पार्लियामेंटरी कमेटी की गठन भी होनी चाहिए। राहुल ने फैसले के उस हिस्से को भी ट्विटर पर शेयर किया है, जिसमें फैसला देने वाली तीन जजों की बेंच का हिस्सा जस्टिस जोसेफ ने लिखा है कि जांच एजेंसियां खुद इस मामले की जांच कर सकती हैं।
Justice Joseph of the Supreme Court has opened a huge door into investigation of the RAFALE scam.
An investigation must now begin in full earnest. A Joint Parliamentary Committee (JPC) must also be set up to probe this scam. #BJPLiesOnRafale pic.twitter.com/JsqZ53kZFP
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 14, 2019
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को राफेल डील मामले में जांच की मांग करने वाली पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने मामले पर फैसला सुनाते हुए सीबीआई जांच का आदेश देने से भी इनकार कर दिया। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने 14 दिसंबर 2018 को सुनाए गए फैसले को बरकरार रखा। अदालत ने कहा कि हमें इस मामले में एफआईआर का आदेश देने या जांच बैठाने की जरूरत महसूस नहीं होती है।
शीर्ष अदालत ने पिछले साल के फैसले में राफेल डील को तय प्रक्रिया के तहत बताते हुए केंद्र सरकार को राहत दी थी। इस पर वकील प्रशांत भूषण, पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी समेत अन्य ने राफेल डील मामले में जांच की मांग करते हुए याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट का 14 दिसंबर 2018 का फैसला खारिज किया जाए और राफेल डील की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराई जाए। प्रशांत भूषण ने अदालत में कहा कि केंद्र सरकार ने कई बातों को कोर्ट से छुपाया। पहली नजर में मामला संज्ञेय अपराध का बनता है और ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का पुराना जजमेंट कहता है कि संज्ञेय अपराध में केस दर्ज होना चाहिए। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में जांच का आदेश देना चाहिए।
याचिकाकर्ता वकील प्रशांत भूषण, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी और यशवंत सिन्ह की ओर से राफेल डील मामले में एसआईटी जांच की मांग की गई थी, वहीं केंद्र सरकार की ओर से याचिका खारिज करने की मांग की गई थी। पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अगुआई वाली बेंच न रिव्यू पिटिशन पर 10 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस पर गुरुवार को अदालत ने फैसला सुनाया।
ये मामला फ्रांस के साथ 36 लडाकू राफेल विमानों की डील से जुड़ा है। विपक्ष और कई संगठन लगातार कहते रहे हैं कि सरकार ने इसमें भारी घोटाला किया है। इसी को लेकर मामला कोर्ट में गया था।
राफेल डील में एफआईआर या दोबारा जांच की जरूरत नहीं: सुप्रीम कोर्ट