राफेल के दस्तावेजों पर केंद्र ने किया विशेषाधिकार का दावा, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राफेल मामले में लीक दस्तावेजों के विशेषाधिकार के केंद्र के दावे पर आदेश सुरक्षित रखा है। राफेल मामले में दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई। इसके पहले सुनवाई के दौरान सरकार का पक्ष रख रहे अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को समीक्षा याचिकाओं से लीक हुए पन्नों को हटाने का निर्देश देना चाहिए।
सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार ने राफेल लड़ाकू विमानों से संबंधित दस्तावेजों पर विशेषाधिकार का दावा किया और सुप्रीम कोर्ट से कहा कि संबंधित विभाग की अनुमति के बगैर कोई भी इन्हें पेश नहीं कर सकता है। अटॉर्नी जनरल ने तर्क दिया कि जिन दस्तावेजों की बात हो रही है उसमें राफेल के दाम भी शामिल हैं जिससे देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
Supreme Court reserves order on Centre claiming privilege over leaked documents in #Rafale case pic.twitter.com/UaVOHvDtnv
— ANI (@ANI) March 14, 2019
इस दौरान एजी केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, राफेल पर कैग रिपोर्ट दाखिल करने में चूक हुई। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में शुरुआती तीन पेज शामिल नहीं थे। इसपर सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि आप दस्तावेज़ों के विशेषाधिकार की बात कर रहे हैं, इसके लिए आपको सही तर्क पेश करने होंगे। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को समीक्षा याचिकाओं से लीक हुए पन्नों को हटाने का निर्देश देना चाहिए।
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केके वेणुगोपाल ने RTI एक्ट का तर्क दिया और कहा कि सुरक्षा से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती हैं। इस दलील पर जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा कि जिन संस्थानों में ऐसा नियम है और अगर भ्रष्टाचार के आरोप हैं तो जानकारी देनी ही पड़ती है। सरकार की इस दलील पर प्रशांत भूषण ने कहा किअगर चोरी हुई थी तो सरकार ने FIR दर्ज क्यों नहीं कराया। सरकार अपनी जरूरतों के अनुसार इन दस्तावेजों का खुलासा करती रही है।