Jagannath Rath Yatra: दो साल बाद जगन्नाथ रथ यात्रा में श्रद्धालु हो सकेंगे शामिल, 1 जुलाई से शुभारंभ
पुरी, 28 जून: देश की सबसे प्रसिद्ध और आस्था का महोत्सव जगन्नाथ रथ यात्रा इस बार 1 जुलाई से शुरू होने वाली है। कोरोना के कारण यह यात्रा 2 सालों से बिना भक्तों के निकाली जा रही थी, लेकिन इस बार हालत पहले से बेहतर होने के बाद रथ यात्रा को पहले की तरह धूमधाम के साथ निकाली जाएगी। लंबे समय के इंतजार के बाद श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। उड़ीसा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर से यह रथ यात्रा निकाली जाती है।
यात्रा के शुरू होने से पहले कई अनुष्ठान किए जाते हैं, जिसमें से सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान है अनबासा, इस अनुष्ठान का सोमवार को 14वां दिन था। इस को बनकलगी अनुष्ठान भी कहते हैं। इस अनुष्ठान के पूरा होने के बाद ही मंदिर के सेवक मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं। बता दें कि इस अनुष्ठान के बाद अन्य अनुष्ठान-रस्में यात्रा होने तक चलती ही रहती हैं।
कोरोना महामारी से बचाव के लिए उड़ीसा सरकार ने पुख्ता प्रबंध किए हुए हैं। यात्रा में शामिल होने वाले लोगो की संख्या को देख ते हुए स्वास्थ विभाग ने कोविड केयर सेंटर,ऑक्सीजन वाले बेड, आईसीयू और एचडीयू तैयार रखने का आदेश दिया है। हाल ही में असम में कोरोना के मामले बढ़े हैं, जिसके चलते स्वास्थ विभाग ने निगरानी बढ़ा दी है।
Jagannath Rath Yatra 2022: जानिए क्यों निकाली जाती है 'रथ यात्रा', क्या है इसकी कथा?
अपनी मौसी के घर जाते हैं भगवान जगन्नाथ
हिंदू पंचांग के अनुसार जगन्नाथ रथ यात्रा हर साल आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से शुरू होती है, जो कि एकादशी तक चलती है। इस साल आषाढ़ शुक्ल पक्ष द्वितीया 1 जुलाई यानी शुक्रवार को है। ऐसे में रथ यात्रा का इसी दिन से प्रारंभ होगा, जिसका समापन एकादशी के दिन यानी 10 जुलाई को होगा। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा अपनी मौसी के घर जाते हैं।