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सलमा की शर्त- शादी उसी से करूंगी, जो मेरे साथ गौशाला में काम करेगा

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नई दिल्ली। पंजाब के लुधियाना में एक गौशाला लोगों की चर्चा का विषय बना हुआ है। लुधियाना जिले के पायल कस्बे में मौजूद इस गौशाला को आस-पड़ोस में खूब चर्चाएं हो रही है, चर्चा इसलिए क्योंकि इस गौशाला को एक मुस्लिम महिला चलाती है। गौशाला में एक-दो नहीं बल्कि 33 से ज्यादा गाएं मौजूद हैं। इस गौशाला का संचालन सलमा करती हैं। सलमा मुस्लिम समुदाय से होने के बावजूद गायों से बेहद प्यार करती हैं और गायों ने उनके इसी प्रेम के चलते उन्होंने गौशाला शुरू की। इतना ही नहीं गौशाला में उनकी गायों के अलग-अलग नाम भी है। नाम इतने निराले की सुनकर आपका दिल खुश हो जाएगा।

 मुस्लिम महिला चलाती है गौशाला

मुस्लिम महिला चलाती है गौशाला

सलमा ने अगस्त 2007 में गौशाला की शुरुआत की। सबसे पहले वो अपने घर एक बूढ़ी गाय लेकर आई, जिसे किसी ने बूढ़ी हो जाने की वजह से छोड़ दिया था। फिर वो एक बैल लेकर आई। उसने बैल का नाम नंदी रख दिया। कुछ दिनों बाद उसे एक और ऐसी गाय मिली, जिसे किसी ने लावारिस छोड़ दिया गया था। सलमा उस गाय को अपने घर ले आई और उसे गौरी नाम दिया। इसी तरह से उसके गौशाला में गायों की संख्या लगातार बढ़ने लगी और अब उसके पास करीब . 33 गाएं हैं।

 हिंदू देवी-देवताओं पर रखा गायों का नाम

हिंदू देवी-देवताओं पर रखा गायों का नाम

सलमा न केवल गौशाला चलाती हैं बल्कि उन्होंने अपनी गायों को अलग-अलग नाम भी दे रखा है। गायों का नाम हिंदू देवी-देवताओं के ऊपर है। सलमा की गौशाला में जगदंबा, पार्वती, दुर्गा, मीरा, सरस्वती, राधा, लक्ष्मी और तुलसी नाम वाली गायों के साथ-साथ एजाजा, आशू, जान, गुलबदन, कुमकुम, हनी नाम की गाएं भी हैं।

 गौशाला की वजह से टूट गए रिश्ते

गौशाला की वजह से टूट गए रिश्ते

लोग सलमा के गौशाला को मुस्लिम गौशाला के नाम से जानते हैं। गायों से उसे बेहद लगाव है। इसी लगाव की वजह से उसकी अब तक शादी नहीं हो सकी है। सलमा 33 साल की हो चुकी है। लेकिन गौशाला की वजह से शादी के कई रिश्ते टूट चुके हैं। दरअसल सलमा की शर्त है कि वह सिर्फ उस व्यक्ति से निकाह करेंगी, जो इस गौशाला को चलाने के लिए तैयार होगा। इसी शर्त की वजह से शादी के 6 रिश्ते टूट गए हैं। लोग सलमा से अक्सर सवाल करते हैं कि वो मुस्लिम होकर गौशाला कैसे चला सकती हैं। सलमा का जवाब बस यहीं होता है कि जानवरों का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। उन्हें जानवरों से प्यार है और इसी लिए वो गायों को अपने पास रखती है। सलमा कहती हैं कि मैं गायों को पूजनीय नहीं मानती, लेकिन मैं उनसे प्रेम जरूर करती हूं। सलमा के इस प्रेम की वजह से उन्हें और उनके परिवार को कई बार सामाजिक बहिष्कार झेलना पड़ा है। मुस्लिम समुदाय के साथ-साथ कई बार सिख और हिंदू परिवार भी गौशाला की वजह से उसकी शिकायत करते हैं।

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English summary
33 cattle at a guashala run by a Muslim woman in Payal, a small town in Punjab’s Ludhiana district.
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