लोकसभा चुनाव 2019: सांगली लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: महाराष्ट्र की सांगली लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद भाजपा के संजय काका पाटिल हैं। साल 2014 के चुनाव में उन्होंने यहां पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता प्रतीक प्रकाश बापू पाटिल को 239, 292 वोटों से पराजित किया था। संजय काका पाटिल को यहां 611, 563 वोट हासिल हुए थे तो वहीं प्रतीक प्रकाश बापू पाटिल को 372,271 वोटों पर संतोष करना पड़ा था। इस सीट पर नंबर दो पर कांग्रेस और नंबर 3 पर बसपा थी। उस साल यहां पर कुल मतदाताओं की संख्या 16,49,107 थी, जिसमें से मात्र 10,46,659 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग किया था, जिसमें पुरुषों की संख्या 5,58,707 और महिलाओं की संख्या 4,87,952 थी।
सांगली लोकसभा सीट का इतिहास
सांगली संसदीय सीट के अंतर्गत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं। सांगली सीट पर पहला आम चुनाव 1957 में हुआ था, जिसे कि PWPI ने जीता था। साल 1962 का चुनाव यहां कांग्रेस ने जीता और इसके बाद 1967, 1971, 1977, 1980, 1984, 1991, 1996, 1998, 1999, 2004, और साल 2009 तक यहां पर कांग्रेस का ही राज रहा। यहां तक कि इस सीट पर साल 2006 में उपचुनाव हुए थे, जिसे भी कांग्रेस ने ही जीता था लेकिन साल 2014 के चुनाव में मोदी की आंधी में ये सीट भाजपा की झोली में चली गई और संजय काका पाटिल यहां से जीतकर लोकसभा पहुंचे, कांग्रेस के लिए ये हार किसी कुठाराघात से कम नहीं थी।
संजय पाटील का लोकसभा में प्रदर्शन
सांसद संजय पाटील 1996 में सांगली के जिला परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं, वो इससे पहले एनसीपी में थे लेकिन साल 2014 के चुनाव के ठीक पहले उन्होंने एनसीपी को छोड़कर भाजपा ज्वाइन कर लिया था और सांगली से चुनाव लड़े और जीते, दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 5 सालों के दौरान लोकसभा में संजय काका पाटिल की उपस्थिति 57 प्रतिशत रही है और इस दौरान उन्होंने 12 डिबेट में हिस्सा लिया है और 200 प्रश्न पूछे हैं।
सांगली, परिचय-प्रमुख बातें-
महाराष्ट्र के प्रमुख शहरों में से एक सांगली कृष्णा नदी के किनारे स्थित है। सांगली शहर हल्दी उत्पादन के लिए पूरे देश में मशहूर है इसके अलावा इस शहर में सूती वस्त्र, तेल मिलें, पीतल और तांबे के सामान के निर्माण से जुड़े कारख़ानें हैं। सांगली सुनारों का भी पारम्परिक केंद्र है, यहां सोने के सामान भारी संख्या में बनाए जाते हैं, सांगली का गणपति मंदिर श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र है। यहां स्थित मीर साहेब औलिया की दरग़ाह दूर-दूर तक मशहूर है। बहुत सारी खूबसूरत प्राकृतिक नजारों को अपने अंदर समेटे सांगली की आबादी 21,47,432 है, जिसमें से 71 प्रतिशत लोग ग्रामीण और 28 प्रतिशत शहरी हैं। यहां पर 12 प्रतिशत जनसंख्या SC और 0.68 प्रतिशत लोग ST वर्ग के हैं।
पश्चिम महाराष्ट्र का सांगली निर्वाचन क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ था, पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रतीक पाटील को सांगली में विरासत से चलती आई जीत नसीब हुई थी इसलिए ही सांगली की राजनीति वंशवाद की राजनीति के रूप में जानी जाती थी, लेकिन मोदी लहर ने इसमें सेंध लगा दी लेकिन क्या इस बार भी ऐसा कुछ होगा और यहां कमल खिलेगा, यह एक बड़ा सवाल है जो कि हर किसी के जेहन में घूम रहा है, जिसका जवाब जानने के लिए हमें चुनावी नतीजों का इंतजार करना होगा, देखते हैं इस बार यहां का जनता का फैसला क्या होता है।
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