लोकसभा चुनाव 2019: एलुरू लोकसभा सीट के बारे में जानिए
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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव आने वाले हैं और आंध्रप्रेदश के एलोरू सीट के बारे में एक नजर डालते है। इस सीट से तेलुगू देशम पार्टी यानी की टीडीपी के मगंती वेंकेटेश्वरा राव सांसद हैं। टीडीपी के मगांती वेंकेटेश्वरा राव भले ही दो बार सासंद बनकर दिल्ली पहुंचे हैं, लेकिन पार्टी में उनकी उपस्थिति एक कद्दावर नेता के रूप में मानी जाती रही है। अक्सर कई सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों से जुड़े रहने वाले मगंती अपने इलाके में गरीबों और पिछड़ों के बीच खासे लोकप्रिय हैं। राजनीति में आने से पहले 58 साल के मगंती किसानी ही करते थे। कोल्लेरु गांवों में टैंकरों के माध्यम से पीने के पानी की आपूर्ति शुरू करने और गरीब और शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों को ट्राई साइकिल वितरित करने के बाद लोगों में काफी चर्चा में आए थे। उन्होंने आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों को छात्रवृत्ति और एमआरसी ट्रस्ट के माध्यम से चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया है।
मगंती वेंकटेश्वर राव के राजनीतिक करियर की बात करे तो वे पहली बार 1998 में 12 वीं लोकसभा के लिए चुने गए थे। 2014 में 16 वीं लोकसभा के लिए फिर मगंती फिर से चुने गए। दो बार चुनकर लोकसभा पहुंचे मगंती कृषि संबंधी स्थायी समिति के सदस्य के रूप में काम कर चुके हैं। इसके अलावा वे पर्यटन मंत्रालय, विदेश मामलों की स्थायी समिति, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के मेंबर के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। मगंती 2004 और 2009 में आंध्रप्रदेश विधानसभा सदस्य भी रह चुके हैं।
एलुरु आंध्र प्रदेश में पश्चिम गोदावरी जिले का एक शहर और जिला मुख्यालय है। यह राज्य के 14 नगर निगमों में से एक है। तम्मिलेरु नदी के किनारे बसा एलुरू अपने ऊन-ढेर कालीन और हाथ से बुने उत्पादों के लिए जाना जाता है। बोद्ध राजा वेंगी के वक्त इस जगह का नाम हेलापूरी था। इसे कई सालों पहले एल्लोर के नाम से भी जाना जाता रहा है। आंध्रप्रदेश राज्य में एलुरू बहुत ही विकसित और कामगारों की जगह है।
आंध्रप्रदेश के एलुरू सीट की बात करे तो 1980 से लेकर अब तक यहां टीडीपी और कांग्रेस के बीच शुरू से टक्कर रही है। इस सीट से पांच बार टीडीपी ने जीत हासिल की है, तो वहीं कांग्रेस ने भी पांच बार इसी सीट पर कब्जा जमाया है। एलुरू संसदीय सीट की आबादी 20,02,658 हैं, जिसमें से करीब 85 फीसदी लोग ग्रामीण इलाकों में रहते हैं और सिर्फ 15 फिसदी लोग शहरी है। इसके अलावा वर्ग के आधार पर देखे तो इस एलुरू में करीब 22 फीसदी अनुसूचित जाति के लोग है और 7 फीसदी से भी कम अनुसूचित जनजाति के लोग है।
अब अगर में संसद में एलुरू के सासंद के प्रदर्शन को देखे तो ठीक-ठाक रहा है। संसद में 81 फीसदी उपस्थित रहने वाले मगंती वेंकटेश्वर राव 183 सवाल पूछ चुके हैं। हालांकि उन्होंने अभी तक किसी भी डिबेट में हिस्सा नहीं लिया है। इस सीट पर अगर वोटिंग टर्नआउट की बात करे तो 2014 में 84 फीसदी लोगों ने वोट किया था। पिछले लोकसभा चुनाव में एलुरू सीट पर कुल 12,01,696 लोगों ने वोट किया था, जिसमें से 5,97,603 महिलाओं और 6,04,093 पुरुषों ने वोट किया था।