लोकसभा चुनाव 2019: मलकाजगिरी लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: तेलंगाना की मलकाजगिरी लोकसभा सीट की से सांसद माला रेड्डी हैं। साल 2014 में टीडीपी के माला रेड्डी को जीत मिली थी लेकिन साल 2016 में वह टीआरएस में शामिल हो गए थे। 2014 के चुनाव में टीडीपी के माला रेड्डी ने टीआरएस के हनुमंत राव को करीब 28,371 वोटों से हराया था, माला रेड्डी को 5,23,336 वोट मिले थे तो दूसरे नंबर पर रहे हनुमंत राव को 4,94,965 वोटों पर संतोष करना पड़ा था, तीसरे नंबर पर कांग्रेस के एस. सत्यनारायण रहे थे, उन्हें 2,33,711 वोट मिले थे जबकि चौथे नंबर पर लोक सत्ता पार्टी के जयप्रकाश नारायण एन. रहे थे, उन्हें 1,58,243 वोट मिले थे और पांचवें नंबर पर वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के वी. दिनेश रेड्डी रहे थे, उन्हें 1,15,243 वोट प्राप्त हुए थे। यहां आपको बता दें कि 14 दिसंबर 2018 को माला रेड्डी ने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया है, जिसके बाद यह सीट रिक्त हो गई है।
मलकाजगिरी
लोकसभा
सीट
का
इतिहास
मलकाजगिरी
लोकसभा
सीट
2008
में
लोकसभा
सीटों
के
परिसीमन
के
बाद
अस्तित्व
में
आई
थी,
2009
में
यहां
पर
पहली
बार
लोकसभा
चुनाव
हुए
थे,
तब
यह
सीट
आंध्र
प्रदेश
राज्य
के
अंतर्गत
आती
थी,
2009
में
यहां
से
कांग्रेस
के
सांसद
एस.
सत्यनारायण
चुनाव
जीते
थे
लेकिन
अब
यह
सीट
तेलंगाना
में
है,
2014
में
यहां
से
टीडीपी
के
टिकट
पर
माला
रेड्डी
को
जीत
मिली
लेकिन
2016
में
वो
तेलंगाना
राष्ट्र
समिति
के
मेंबर
बन
गए।
दिसंबर
2018
की
रिपोर्ट
के
मुताबिक
कई
शिक्षण
संस्थाओं
के
सफल
कारोबारी
सांसद
माला
रेड्डी
की
लोकसभा
में
उपस्थिति
80
प्रतिशत
रही
थी
और
इस
दौरान
उन्होंने
21
डिबेट
में
हिस्सा
लिया
था
और
426
प्रश्न
पूछे
थे
और
यही
नहीं
वो
एक
प्राइवेट
मेंबर
बिल
भी
लाए,
माला
रेड्डी
को
अपने
निर्वाचन
क्षेत्र
में
15
करोड़
रुपये
आवंटित
हुए
थे
जो
ब्याज
समेत
मिलाकर
20.31
करोड़
रुपये
हो
गए
थे
इसमें
से
उन्होंने
17.66
करोड़
रुपये
खर्च
किए
थे
,
साल
2014
के
चुनाव
में
यहां
पर
कुल
मतदाताओं
की
संख्या
31,83,325
थी,
जिसमें
से
केवल
16,20,397
लोगों
ने
अपने
मतों
का
प्रयोग
किया,
जिसमें
पुरुषों
की
संख्या
8,78,093
और
महिलाओं
की
संख्या
7,42,304
थी।
मलकाजगिरी,
परिचय-प्रमुख
बातें-
मलकाजगिरी
लोकसभा
सीट
तेलंगाना
के
रंगारेड्डी
और
हैदराबाद
जिले
को
कुछ
हिस्सों
को
मिलाकर
बनी
है,
यह
आबादी
के
हिसाब
से
देश
की
सबसे
बड़ी
लोकसभा
सीट
है,
यहां
की
जनसंख्या
28,44,921
है,
जिसमें
से
7.38%
लोग
गांवों
में
और
92.62%
लोग
शहरों
में
निवास
करते
हैं,
यहां
9
प्रतिशत
लोग
SC
वर्ग
के
और
2.40%
लोग
ST
वर्ग
के
हैं।
मलकाजगिरी
लोकसभा
निर्वाचन
क्षेत्र
में
सात
विधानसभा
सीटें-
मेडचाल,
मलकाजगिरी,
कुथबुल्लापुर,
कुकटपल्ले,
उप्पल,
सिकंदराबाद
कैंट
और
लाल
बहादुर
नगर
हैं,
इनमें
से
सिकंदराबाद
कैंट
अनुसूचित
जाति
के
लिए
आरक्षित
है।
2018
में
हुए
विधानसभा
चुनावों
में
सात
में
से
छह
सीटें
टीआरएस
के
खाते
में
आईं
तो
एकमात्र
सीट
पर
कांग्रेस
को
जीत
मिली।
साल 2014 के चुनाव में टीआरएस ने पूरे राज्य में जबरदस्त प्रदर्शन किया था, उसने राज्य की 17 में से अकेले 11 सीटें जीती थीं और उसके बाद कांग्रेस, वायएसआर कांग्रेस और टीडीपी के एक-एक सांसद उसके साथ हो गए जिसके बाद अभी उसके पास सीटों की संख्या 14 हो गई है, जो कि उसकी मजबूती को बखूबी बयां कर रही है। हैदराबाद से सटे कारोबारी शहर मल्काजगिरि की खासियत है यहां आंध्रप्रदेश मूल के लोगों की आधी से ज्यादा तादाद है और टीडीपी की एकमात्र सीट यही थी लेकिन माला रेड्डी के टीआरएस में जाने से अब टीडीपी लोकसभा में शून्य हो गई, जो कि चंद्रबाबू नायडू के लिए करारा झटका था। हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में भी टीआरएस का ही परचम लहराया है, ऐसे में इस बार टीआरएस से मुकाबला किसी भी पार्टी के लिए आसान नहीं होगा, इसमें कोई शक नहीं कि इस बार की चुनावी जंग काफी दिलचस्प होगी, देखते हैं इस बार यहां की जनता किसे अपना आशीर्वाद देती है।
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