लोकसभा चुनाव 2019: करीमगंज लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: असम के करीमगंज लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद AIUDF पार्टी के राधेश्याम विश्वास हैं। उन्होंने साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर भाजपा नेता कृष्णा दास को 102, 094 वोटों से पराजित किया था। उस साल राधेश्याम विश्वास को यहां पर 362,866 वोट मिले थे तो वहीं भाजपा नेता 260,772 पर संतोष करना पड़ा था। इस सीट पर नंबर तीन पर कांग्रेस, नंबर चार पर AGPऔर नंबर 5 पर आप थी, कांग्रेस प्रत्याशी को 226,562 वोट, एजीपी प्रत्याशी को 5,556 वोट और आप प्रत्याशी को 3,658 वोट मिले थे तो वहीं उस साल इस सीट पर 4,266 वोट 'नोटा' के भी अंतर्गत भी थे।
करीमगंज लोककसभा सीट का इतिहास
यहां पहला लोकसभा चुनाव साल 1962 में हुआ था, जिसे कि कांग्रेस ने जीता था, तब से लेकर 1967, 1971, 1977 और 1980 तक यहां पर केवल कांग्रेस का ही राज रहा, साल 1984 का चुनाव यहां पर कांग्रेस ( सोशलिस्ट पार्टी) ने जीता और सुदर्शन दास यहां के सांसद बने। साल 1991 में यहां पहली बार भाजपा की जीत हुई और द्वारका नाथ दास यहां से सांसद चुने गए। साल 1966 में भी यहां पर कमल ही खिला और द्वारका नाथ दास दोबारा यहां से सांसद चुने गए। साल 1998 में यहां पर कांग्रेस की जीत हुई और साल 1999 में भी उसी का राज यहां पर रहा, साल 2004 में यहां से कांग्रेस नेता ललित मोहन सांसद बने और साल 2009 के चुनाव में भी वो ही सांसद की कुर्सी पर यहां पर बैठे लेकिन साल 2014 के चुनाव में कांग्रेस यहां जीत की हैट्रिक पूरी नहीं कर पाई और एआईयूडीएफ पार्टी के नेता राधेश्याम विश्वास यहां से जीतकर लोकसभा पहुंचे।
करीमगंज परिचय-प्रमुख बातें-
असम के 33 जिलों में से एक करीमगंज साल 1983 में जिला बना था। करीमगंज प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए भी जाना जाता है। यहां कई राजवंश शासन कर चुके हैं। यहां की छताचुरा पहाड़ी, सोन बिल, बादरपुर फोर्ट और मालागढ़ क्रिमेटोरियम पर्यटकों के खास आकर्षण का केंद्र हैं। यहां से बहती नदियां, तालाब, घने जंगल, चाय के बागान हमेशा से लोगों को आकर्षित करते हैं, चाय का उत्पादन और पर्यटन ही यहां की आय का मुख्य श्रोत है, प्रकृति के खास उपहार करीमगंज की जनसंख्या 19,46,778 है, जिसमें से 91.89% आबादी गांवों में रहती है और 8 प्रतिशत आबादी शहरों में रहती है , यहां 12 प्रतिशत लोग एस सी वर्ग के हैं। यह लोकसभा सीट SC के लिए आरक्षित है।
राधेश्याम विश्वास का लोकसभा में प्रदर्शन
दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक सांसद राधेश्याम विश्वास की पिछले 5 सालों के दौरान लोकसभा में उपस्थिति 89% रही है और इस दौरान इन्होंने 65 डिबेट में हिस्सा लिया और 212 प्रश्न पूछे हैं। साल 2014 की रिपोर्ट के मुताबिक इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 11,65,997 थी, जिसमें से केवल 8,86,920 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग यहां पर किया था, जिसमें पुरुषों की संख्या 4,82,484 और महिलाओं की संख्या 4,04,436 थी।
गौरतलब है कि लंबे वक्त से इस सीट पर कांग्रेस का राज रहा हैं। लेकिन साल 2014 के चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन काफी खराब रहा था तो वहीं इस सीट पर एआईडीयूएफ ने पहली बार जीत दर्ज करके हर किसी को चौंका दिया था। असम में लोकसभा की 14 सीटें हैं और इन सीटों में से तीन सीटों पर अजमल की पार्टी एआईडीयूएफ ने जीत दर्ज की थी, देखना दिलचस्प होगा कि AIUDF इस बार फिर से अपना जादू दोहराती है या फिर कांग्रेस की यहां वापसी होती है, कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि इस सीट पर मुकाबला कड़ा होगा जिसमें जीत उसी को मिलेगी जिसे जनता चुनेगा।