महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव: प्रियंका गांधी वाड्रा ने नहीं किया प्रचार, सामने आई वजह
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार नहीं किया। ऐसा इसलिए क्योंकि वह उत्तर प्रदेश में पार्टी को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहती थीं। यह बात मामले की जानकारी रखने वाले एक नेता ने कही है।
उन्होंने पहचान ना बताने की शर्त पर कहा कि प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को पुनर्जीवित करना चाहती हैं। 1989 में सत्ता से बेदखल होने के बाद कांग्रेस देश के सबसे अधिक आबादी वाले और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में हाशिये पर चली गई है। इन वर्षों में यहां भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की सरकार बनती रही है।
कांग्रेस के गढ़ से हारे थे राहुल
2019 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली अमेठी सीट से हार गए थे। यहां बीजेपी की स्मृति ईरानी ने उन्हें 50 हजार वोटों से मात दी थी। कांग्रेस यूपी में महज एक सीट जीतने में कामियाब रही है। ये सीट है रायबरेली। जो वर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का निर्वाचन क्षेत्र है।
प्रियंका ने लोकसभा चुनाव में कई रैलियां की थीं
हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब, असम, हरियाणा और केरल में रैलियां की थीं। वह राजनिति में 23 जनवरी से सक्रिय हुईं, जब उन्हें कांग्रेस पार्टी का महासचिव और पूर्वी यूपी का प्रभारी बनाया गया था। उनके सोशल मीडिया से जुड़ी बातों का हवाला देते हुए, कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रियंका गांधी यूपी में पार्टी को पुनर्जीवित करने की इच्छुक हैं और अपने कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना चाहती हैं।
प्रियंका अंतिम हथियार
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा स्थित एक राजनीतिक विश्लेषक का कहना है कि कांग्रेस को प्रियंका की जरूरत अंतिम पुश में होगी। उन्होंने कहा, 'वह उनका अंतिम हथियार है। वे उन्हें अंतिम पड़ाव के लिए चाहती है या जिसे हम अगले लोकसभा चुनाव से पहले स्लॉग ओवर कह सकते हैं।' ना केवल प्रियंका गांधी बल्कि उनकी मां सोनिया गांधी भी इन दोनों राज्यों के विधानसभा चुनाव के प्रचार से दूर ही रही हैं। हालांकि राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में छह और हरियाणा में दो रैलियां की हैं।
सोनिया भी प्रचार से दूर रहीं
सोनिया गांधी हरियाणा के महेंद्रगढ़ में पिछले शुक्रवार को एक सार्वजनिक रैली संबोधित करने वाली थीं। लोकसभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद उनके बेटे राहुल गांधी ने इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद कांग्रेस की बागडोर उनके हाथों में आ गई। इसके बाद से ये उनकी पहली रैली होती। लेकिन वह रैली में शामिल नहीं हुईं और राहुल गांधी ने ही सभा को संबोधित किया।
सार्वजनिक कार्यों में आई कमी
सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र में भी चुनाव प्रचार नहीं किया है। इन दोनों राज्य के चुनावों के लिए मतदान 21 अक्टूबर को हुआ है और 24 अक्टूबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे। सोनिया गांधी ने हाल के वर्षों में अपने सार्वजनिक कार्यों पर कुछ रोक लगा दी है और रायबरेली में 12 जून को एक रैली को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने मतदाताओं को धन्यवाद दिया था। उससे पहले, उन्होंने लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार के लिए 2 मई को रायबरेली में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित किया था।
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