15 साल बाद राष्ट्रपति ने की ट्रेन की सवारी, कानपुर में पैतृक गांव परौंख की यात्रा पर रामनाथ कोविंद
नई दिल्ली, जून 25: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शुक्रवार को रेल की यात्रा करके अपने पैतृक गांव के लिए रवाना हुए। महामहिम दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से कानपुर के लिए प्रेसीडेंशियल ट्रेन में सवार हुए। ट्रेन कानपुर देहात के झिंझक और रूरा में दो स्टॉप के बाद शुक्रवार शाम को ट्रेन कानपुर सेंट्रल पहुंची, जहां कानपुर में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का स्वागत किया।
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राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उन्होंने ट्रेन से यात्रा करने का फैसला किया। अपने चार दिन के दौरे के दौरान राष्ट्रपति कई कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। साथ ही अपने परिवार और पुराने दोस्तों से भी मुलाकात कर सकते हैं।
President Kovind boards a special Presidential train from Safdarjung railway station to Kanpur. The train will make two stop-overs, at Jhinjhak and Rura of Kanpur Dehat, and will reach Kanpur Central in the evening. pic.twitter.com/ZuMpkGjqxP
— President of India (@rashtrapatibhvn) June 25, 2021
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और उनकी पत्नी कानपुर में अपने पैतृक गांव परौंख की यात्रा के लिए नई दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन पर एक विशेष ट्रेन में सवार हुए। 15 साल में यह पहली ऐसी यात्रा है। उन्होंने लोगों से जुड़ने के लिए रेल यात्रा की। 2017 में राष्ट्रपति बनने के बाद से उनकी अपने जन्मस्थान की यह पहली यात्रा है। एक बयान में बताया गया कि हालांकि वह पहले इस जगह का दौरा करना चाहते थे, लेकिन महामारी के कारण योजनाएं अमल में नहीं आ सकीं।
बता दें कि 28 जून को कोविंद दो दिवसीय यात्रा पर लखनऊ जाने के लिए कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन से ट्रेन में सवार होंगे। इसके अगले दिन वह वापस दिल्ली के लिए उड़ान भरेंगे। इससे पहले साल 2006 में एपीजे अब्दुल कलाम ने भारतीय सैन्य अकादमी में कैडेट्स की परेड में भाग लेने के लिए दिल्ली से देहरादून के लिए एक विशेष ट्रेन में आखिरी बार यात्रा की थी।
राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार यूपी स्थित अपने जन्मस्थान जाएंगे रामनाथ कोविंद
वहीं इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने कहा कि राष्ट्रपति की यात्रा उन रेलकर्मियों के लिए मनोबल बढ़ाने वाली होगी, जिन्होंने कठिन महामारी के समय में अपनी सेवाएं दी हैं। उनकी यह यात्रा लोगों को व्यापार, पर्यटन और अन्य उद्देश्यों के लिए यात्रा करने के लिए ट्रेनों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने और विश्वास बनाने में भी मदद करेगा।