क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

15 साल से President Election लड़ने की जुगत में बमबम महाराज सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे...

सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रपति चुनाव के संवैधानिक प्रावधानों को चुनौती दी गई। जानिए, सोशल एक्टिविस्ट बमबम महाराज नौहाट्टीया व एक अन्य याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा।

Google Oneindia News

नई दिल्ली, 29 जून : देश के राष्ट्रपति बनने का सपना किसे सुनहरा ख्वाब नहीं लगेगा। रायसीना हिल्स पर बना भारत का राष्ट्रपति भवन देश-विदेश के नागरिकों को आकर्षित करता है। शायद इसी आकर्षण का नतीजा है कि खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताने वाले बमबम महाराज नौहाट्टीया (Bam Bam Maharaj Nowhattia) गत 15 साल से राष्ट्रपति चुनाव लड़ना चाहते हैं। देश के प्रथम नागरिक बनने का ख्वाब देख रहे बमबम महाराज इस सपने को पूरा करने के लिए देश की सबसे बड़ी अदालत तक भी जा पहुंचे। एक अन्य याचिकाकर्ता ने भी नामांकन दाखिल करने में मदद के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया। वनइंडिया हिंदी पर पढ़िए सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रपति चुनाव के संवैधानिक प्रावधानों को चुनौती देने वाली बमबम महाराज और एक अन्य याचिका का अंजाम क्या हुआ।

15 साल से रायसीना हिल्स जाने का सपना

15 साल से रायसीना हिल्स जाने का सपना

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में बमबम महाराज नौहाट्टीया (Bam Bam Maharaj Nowhattia) ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लि कम से कम 50 सांसदों या विधायकों के प्रस्तावक होने की शर्त हटाई जाए। उन्होंने 50 समर्थकों (seconders) की जरूरत वाली कानूनी योजना की वैधता को भी चुनौती दी। एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक महाराज नौहाट्टीया 2007 से ही राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के प्रयास में जुटे हैं।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

बुधवार को बमबम महाराज नौहाट्टीया देश की सबसे बड़ी अदालत में पहुंची। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच के समक्ष सामाजिक कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले दिल्ली निवासी नौहाट्टीया ने राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952 के कुछ प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी। प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने के अलावा, नौहाट्टीया ने राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने के लिए शीर्ष अदालत की मंजूरी भी मांगी।

अदालत में क्या दलीलें दी गईं

अदालत में क्या दलीलें दी गईं

सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रपति चुनाव की सार्वजनिक सूचना (public notice of election), उम्मीदवारों के नामांकन और नामांकन पत्रों की प्रस्तुति (presentation of nomination papers) और वैध नामांकन के लिए जरूरी शर्तों को चुनौती दे रहे नौहाट्टीया 2007 से ही राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की असफल कोशिश कर रहे हैं।

15 साल से कोशिश जारी, अदालत ने कहा...

15 साल से कोशिश जारी, अदालत ने कहा...

शीर्ष अदालत ने नौहाट्टीया की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया और याचिका वापस लेने का निर्देश दिया। याचिकाकर्ता बम बम महाराज नौहाट्टीया ने याचिका वापस ले ली। एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक सामाजिक कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले दिल्ली निवासी नौहाट्टीया ने राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952 के कुछ प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी, लेकिन अदालत ने उनकी याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।

President Election में नामांकन का अनुरोध खारिज

President Election में नामांकन का अनुरोध खारिज

बुधवार को ही जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस पार्डीवाला ने राष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी एक अन्य याचिका की उस अपील को भी खारिज कर दिया जिसमें याचिकाकर्ता एमटी रेड्डी ने राष्ट्रपति चुनाव 2022 में प्रेसिडेंट पोस्ट के लिए 18 जुलाई को चुनाव लड़ने की अनुमति मांगी थी। रेड्डी ने शीर्ष अदालत से कहा, रिटर्निंग ऑफिसर को उनके नामांकन पत्र स्वीकार करने का निर्देश दिया जाए। मंदाती टी रेड्डी (Mandati T Reddy) ने नामांकन दाखिल करने की मांग की थी, लेकिन रिटर्निंग ऑफिसर- लोकसभा महासचिव ने उनकी अपील खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि रेड्डी का नामांकन पत्र राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952 की धारा 5 बी (1) (ए) के अंतर्गत तय की गई शर्तों का अनुपालन नहीं करता है।

राष्ट्रपति चुनाव में सीधा मुकाबला

राष्ट्रपति चुनाव में सीधा मुकाबला

गौरतलब है कि 16वां राष्ट्रपति चुनाव इस साल 18 जुलाई को होना है। वोटों की गिनती मतदान के तीन दिन बाद होगी। द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) और यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) के बीच सीधा मुकाबला है। पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू सत्तारूढ़ एनडीए की कैंडिडेट हैं। यूपीए के नेतृत्व वाले विपक्षी दलों के उम्मीदवारों के रूप में यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ रहे हैं। सिन्हा अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री रह चुके हैं।

ये भी पढ़ें- President Election : यशवंत सिन्हा नामांकन से पहले अपनों में ही घिरे, CPM सांसद बोले- बेस्ट कैंडिडेट नहींये भी पढ़ें- President Election : यशवंत सिन्हा नामांकन से पहले अपनों में ही घिरे, CPM सांसद बोले- बेस्ट कैंडिडेट नहीं

Comments
English summary
Know what Supreme Court Said when two civilians approached apex court for contesting President Election 2022.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X