अयोध्या में भव्य दीपोत्सव की तैयारी, लेकिन लोगों में क्यों नहीं उत्साह
यही नहीं, मुख्य कार्यक्रम स्थल पर, जहां रात के वक़्त ख़ूबसूरत लेज़र प्रकाश पड़ने से दीवारें चमक रही थीं, वहीं उन दीवारों के नीचे की सड़कें न सिर्फ़ टूटी हुई हैं, बल्कि जगह-जगह सीवर लाइन तक की पटरियां उखड़ी हैं. ये बड़े गड्ढे किसी बड़ी दुर्घटना को भी दावत दे रहे हैं.
वहीं अयोध्या के मुस्लिम बहुल इलाके कोटिया पांजीटोला में भी लोग इस आयोजन से बेफ़िक्र दिखते हैं.
पूछने पर एक युवक रिज़वान कहते हैं, "यहां हमेशा त्योहार मनाए जाते हैं और हम मिल-जुलकर मनाते हैं. चाहे वह होली-दीवाली हो या फिर ईद-बकरीद.
पिछले तीन दिनों से अयोध्या एक बार फिर छावनी जैसी दिख रही है. चप्पे-चप्पे पर पुलिस, पीएसी और अर्धसैनिक बल के जवान दिख रहे हैं. मुख्य सड़क पर बीच-बीच में सायरन बजाती सुरक्षाबलों की गाड़ियां नज़र आ रही हैं.
ऐसा इसलिए है क्योंकि सरयू तट पर दीपावली से ठीक एक दिन पहले भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम होना है और क़रीब तीन लाख दीये जलाने का रिकॉर्ड क़ायम करना है.
पिछले साल एक दिवसीय दीपावली महोत्सव से उत्साहित राज्य सरकार ने इस बार कार्यक्रम तीन दिन का कर दिया है. पिछले दो दिन से शहर में रामलीला समेत कई सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए और मंगलवार सरयू तट पर भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम होगा.
राम की पैड़ी पर सरयू घाट के दोनों ओर की सीढ़ियों के ऊपर मिट्टी के दीये सजाकर रखे गए हैं और शाम को जैसे ही उनमें तेल भरकर उन्हें प्रज्ज्वलित किया जाएगा, पूरा घाट जगमग हो जाएगा. घाटों को वैसे भी पिछले दो दिनों से रोशनी से नहलाने के लिए लेज़र बीमों और ख़ूबसूरत प्रकाश का इस्तेमाल किया जा रहा है.
राज्य सरकार के आला अधिकारी पिछले क़रीब दो हफ़्ते से तैयारियों का जायज़ा ले रहे हैं. इनमें राज्य के मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय, डीजीपी ओपी सिंह और अपर मुख्य सचिव सूचना अवनीश अवस्थी भी शामिल हैं. इस बीच, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति की पत्नी किम जोंग-सूक सोमवार देर शाम लखनऊ पहुंच चुकी हैं.
बड़ी संख्या में वीआईपी आवागमन को देखते हुए सोमवार से ही सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं. नया घाट के अंदर वाहनों के आने-जाने पर पाबंदी सोमवार से ही लगा दी गई जबकि और जगहों पर भी वाहनों के आवागमन पर कड़ी चौकसी रखी जा रही है.
राज्य के डीजीपी ओपी सिंह कहते हैं कि ये उनके लिए बहुत ही चुनौतीपूर्ण है क्योंकि उसी दिन लखनऊ में भारत-वेस्टइंडीज़ के बीच टी-20 मैच भी रखा गया है.
'बड़े लोग आ रहे हैं, हमें कहां जाने को मिलेगा'
वहीं सोमवार देर रात तक अयोध्या की सड़कों पर चहल-पहल रही. कुछ लोग सरयू घाट पर रोशनी और दीयों की सजावट देख रहे थे तो कुछ धनतेरस की ख़रीदारी में व्यस्त थे. अयोध्या शहर के भीतर मुख्य मार्ग की सड़क पर मरम्मत कार्य भी चल रहा था.
नया घाट के पास बर्तन की दुकान रखने वाले विष्णु कुमार कहते हैं, "इतनी भीड़-भाड़ और आवाजाही के चलते धंधा बैठ गया है. कई बार दुकान बंद रखनी पड़ती है. पुलिस की इतनी सक्रियता के चलते ग्राहक भी नहीं आते, घर में ही रहने में भलाई समझते हैं."
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कुछ लोगों से बात हुई तो कहने लगे कि पता नहीं दीपोत्सव उन्हें देखने को मिलेगा या फिर ये सिर्फ़ बाहर से आए मेहमानों के लिए ही होगा. साकेत कॉलेज में बीए फ़ाइनल इयर के छात्र दिनेश वर्मा कहते हैं, "इतनी सुरक्षा व्यवस्था है, इतने बड़े लोग आ रहे हैं, कहां हमें वहां जाने को मिलेगा. दूसरे, इतनी चेकिंग लगाए हुए हैं कि वहां जाने से पहले आदमी दस बार सोचेगा."
दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला हैं मेहमान
अयोध्या में 6 नवंबर को होने वाले भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम के लिए सरयू तट का इलाका रंग-बिरंगी लाइटों और अन्य आकर्षक कृतियों से सजाया गया है. पर्व की मुख्य अतिथि कोरिया गणराज्य की प्रथम महिला किम-जोंग-सूक की उपस्थिति को यादगार बनाने की तैयारी की जा रही है.
इसके मद्देनज़र अयोध्या के रामकथा संग्रहालय, रामकथा पार्क से लेकर सरयू तट और राम की पैड़ी क्षेत्र में कई आयोजनों के माध्यम से इसे श्रद्धालुओं और यहां आने वाले मेहमानों के लिए ख़ास बनाने की तैयारी की गई है.
तय कार्यक्रम के अनुसार राम राज्याभिषेक के बाद सरयू तट पर कोरिया और भारत के संबंधों को मजबूत बनाने के लिए सामूहिक रूप से दीपदान से दीपोत्सव पर्व का शुभारंभ होगा.
उदासीन हैं अयोध्या के लोग
राज्याभिषेक के बाद भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण व श्री हनुमान सहित समूचे राम दरबार को मोटर बोट पर बिठाकर सरयू नदी की सैर कराई जाएगी. इसके अलावा सरयू के तट पर रिकॉर्ड स्तर पर दीपदान कराने के लिए भी तैयारियां की जा रही हैं.
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वहीं अयोध्या शहर के लोगों का इस पूरे आयोजन के बारे में रवैया काफ़ी हद तक उदासीन है तो दूसरी ओर इतने महंगे कार्यक्रम के बावजूद शहर में विकास का ऐसा कोई कार्य नहीं दिख रहा है जिसका लाभ अयोध्यावासियों को हो सके.
कार्यक्रम स्थल से मुख्य शहर की ओर जाने वाली सड़क में पहले की ही भांति गड्ढे हैं और देर रात तक सड़क की मरम्मत का कार्य चल रहा था.
जगमग रोशनी के नीचे टूटी सड़कें, उखड़ी सीवर लाइनें
यही नहीं, मुख्य कार्यक्रम स्थल पर, जहां रात के वक़्त ख़ूबसूरत लेज़र प्रकाश पड़ने से दीवारें चमक रही थीं, वहीं उन दीवारों के नीचे की सड़कें न सिर्फ़ टूटी हुई हैं, बल्कि जगह-जगह सीवर लाइन तक की पटरियां उखड़ी हैं. ये बड़े गड्ढे किसी बड़ी दुर्घटना को भी दावत दे रहे हैं.
वहीं अयोध्या के मुस्लिम बहुल इलाके कोटिया पांजीटोला में भी लोग इस आयोजन से बेफ़िक्र दिखते हैं.
पूछने पर एक युवक रिज़वान कहते हैं, "यहां हमेशा त्योहार मनाए जाते हैं और हम मिल-जुलकर मनाते हैं. चाहे वह होली-दीवाली हो या फिर ईद-बकरीद. अब सरकार मना रही है तो वह भी ठीक है, लेकिन इस कार्यक्रम में अयोध्या के कितने लोग पहुंच पाते हैं, ये बड़ा सवाल है. सब बाहर के लोग आते हैं और पुलिस उन्हीं की सुरक्षा में लगी रहती है."
मोहम्मद शाहिद इस बात से तो इत्तेफ़ाक रखते हैं कि पिछले साल जब आयोजन हुआ था, तब से लेकर अब तक थोड़ा बहुत विकास ज़रूर हुआ है, लेकिन उनके मुताबिक, विकास दिया जलाने से नहीं बल्कि कुछ करने से होगा.
बहरहाल, दक्षिण कोरियाई मेहमान अयोध्या आ चुके हैं और मुख्य अतिथि के तौर पर वहां के राष्ट्रपति की पत्नी मंगलवार को आयोध्या आएंगी. बीती रात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें रात्रिभोज दिया.
आयोध्या के बाहरी हिस्से में मंगलवार को जहां भव्य दीपोत्सव का आयोजन होगा तो अयोध्या के लोग हार साल की तरह अपने ढंग से दीपावली मनाने की तैयारी में हैं.
कुछ को आशंका है कि भव्य आयोजन वो देख पाएंगे या नहीं तो वहीं कुछ इन सब बातों से पूरी तरह बेफ़िक्र हैं.
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