क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

नीतीश कुमार और अमित शाह में सीट समझौते के बीच अड़ंगा बना ये शख्‍स!

शॉर्ट हेडलाइन

Google Oneindia News

नई दिल्‍ली। जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू) यानी नीतीश कुमार की पार्टी 2019 लोकसभा एनडीए के साथ लड़ेगी या नहीं? इन दिनों सियासी गलियारों में इस सवाल पर चर्चा आम है। अभी ज्‍यादा दिन नहीं बीते हैं, जब खबर आई कि नीतीश कुमार ने पार्टी नेताओं की बैठक में यह ऐलान कर दिया था कि बीजेपी के साथ सीटों को लेकर 'सम्‍मानजनक समझौता' हो गया है। कहानी में एक बार फिर ट्विस्‍ट आया और नीतीश कुमार दिल्‍ली आए। साथ में चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी थे, वह हाल में जेडीयू में शामिल हुए हैं। अमित शाह के साथ बैठक में नीतीश कुमार ने स्‍पष्‍ट कर दिया कि 17 से एक भी सीट कम उन्‍हें मंजूर नहीं है। बात एक बार फिर बनते-बनते बिगड़ गई है। सीट शेयरिंग के मुद्दे पर बीजेपी-जेडीयू के बीच चल रही तकरार अब टकराव में बदल रही है। सबसे अहम बात यह है कि अब मुद्दा सिर्फ सीटों का नहीं है, बल्कि अमित शाह और नीतीश कुमार के बीच एक तीसरे शख्‍स की एंट्री से अब 'सीट समझौता' वर्चस्‍व की लड़ाई में तब्‍दील होता दिख रहा है। इस शख्‍स का नाम है- प्रशांत किशोर। यह नाम बीजेपी को बहुत खटक रहा है।

प्रशांत किशोर के आने के बाद से बदले लग रहे नीतीश कुमार के तेवर

प्रशांत किशोर के आने के बाद से बदले लग रहे नीतीश कुमार के तेवर

2014 लोकसभा चुनाव में प्रशांत किशोर ने बीजेपी के लिए काम किया था। बाद में प्रशांत किशोर ने पंजाब और उत्‍तर प्रदेश में कांग्रेस और बिहार में जेडीयू के चुनावी रणनीतिकार के तौर पर भी काम किया। इस बीच प्रशांत किशोर के बीजेपी के साथ वापस जुड़ने की भी खबरें आईं, पर बात नहीं बनी। अंत में प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार की पार्टी का दामन थाम लिया। अब कहानी में ट्विस्‍ट यह है कि प्रशांत किशोर के आने के बाद से नीतीश कुमार के तेवर बदल गए हैं। उधर, प्रशांत किशोर को देखकर अमित शाह और बिहार बीजेपी के नेताओं की भी त्‍योरियां चढ़ी हुई हैं। ऐसे में बढ़ा सवाल अब यह बन गया है कि क्‍या प्रशांत किशोर के आने से दोनों पार्टियों के बीच मुद्दे सुलझेंगे या बात और बिगड़ जाएगी?

बीजेपी नहीं मानती प्रशांत किशोर को 'बहुत बड़का' रणनीतिकार

बीजेपी नहीं मानती प्रशांत किशोर को 'बहुत बड़का' रणनीतिकार

वैसे जेडीयू नेताओं को लगता है कि प्रशांत किशोर के आने से बीजेपी के साथ संवादा पहले से बेहतर हो जाएगा। दूसरी ओर बीजेपी नेता प्रशांत किशोर 'बहुत बड़का' रणनीतिकार ही नहीं मानते हैं। जेडीयू में आने से पहले प्रशांत किशोर बीजेपी के साथ काम करने को लेकर अमित शाह के साथ मोल-भाव कर चुके हैं, लेकिन बीजेपी अध्‍यक्ष ने उनकी शर्तों को कभी स्‍वीकारा नहीं। सूत्रों की मानें तो अमित शाह के साथ बैठक में नीतीश कुमार का प्रशांत किशोर को लाना बीजेपी शीर्ष नेतृत्‍व को खल रहा है। बिहार में बीजेपी के सबसे बड़े नेता सुशील कुमार मोदी तो खुलकर प्रशांत किशोर की आलोचना कर चुके हैं। सुशील मोदी ने तो यहां तक कह दिया था कि विजन डॉक्‍यूमेंट तैयार करने के लिए नीतीश सरकार ने प्रशांत किशोर को 9 करोड़ रुपया दिया, लेकिन वे कांग्रेस के लिए रणनीति बनाने में व्‍यस्‍त हैं।

अपनी दो सीटें छोड़ने को तैयार थी बीजेपी पर नीतीश नहीं माने

अपनी दो सीटें छोड़ने को तैयार थी बीजेपी पर नीतीश नहीं माने

2019 लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने जो ऑफर दिया था, उसमें 20 सीटें अमित शाह ने अपनी पार्टी के लिए रखी थीं, जबकि नीतीश कुमार को 13 लोकसभा सीटें देने की बात कही थी। इसके अलावा रामविलास पासवान की एलजेपी को पांच सीटें और उपेंद्र कुशवाह की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी को दो सीटें दिए जाने की बात ऑफर में थी। इस फार्मूले में बीजेपी अपने हिस्‍से की दो सीटें छोड़ने को तैयार थी। बीजेपी ने 40 लोकसभा सीटों वाले बिहार में 2014 आम चुनाव में 22 लोकसभा सीटें जीती थीं। 2019 में वह सिर्फ 20 सीटों पर लड़ने को तैयार हो गई थी। यह फार्मूला करीब-करीब बीच का रास्‍ता निकालता दिख रहा था कि अचानक प्रशांत किशोर की जेडीयू में एंट्री ने नीतीश कुमार के तेवर बदल दिए। ऐसे में डर यही है कि बीजेपी-जेडीयू के बीच चल रही सीट समझौता बातचीत कहीं वर्चस्‍व की लड़ाई में तब्‍दील न हो जाए। मसला यह है कि प्रशांत किशोर खुद को देश के सबसे बड़े चुनावी रणनीतिकार के तौर पर पेश करते रहे हैं, नीतीश कुमार भी ऐसा मानते हैं, लेकिन बीजेपी ऐसा नहीं मानती। अब जेडीयू का दामन थामने वाले प्रशांत किशोर की कोशिश यह है कि सीट समझौते को लेकर वह इस तरह से मोल-भाव करें कि बीजेपी को यह पता चले कि वाकई प्रशांत किशोर 'बहुत बड़का' रणनीतिकार हैं। अब वह ऐसा साबित कर पाते हैं या नहीं, यह तो आने वाला वक्‍त ही बताएगा।

Comments
English summary
poll strategist Prashant Kishor behind Nitish Kumar Hard Bargain with amit shah, read here analysis
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X