परीक्षा पे चर्चा 2.0: पीएम मोदी ने छात्रों से कहा, एक परीक्षा खराब होने से जीवन नहीं ठहरता
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 'परीक्षा पे चर्चा 2.0' कार्यक्रम के माध्यम से देशभर के विद्यार्थियों से बातचीत कर रहे हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से पीएम मोदी अभिभावकों और शिक्षकों से भी बातचीत कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में 24 राज्यों के छात्र शामिल हो रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये कार्यक्रम कोई उपदेश देने के लिए नहीं है। उन्होंने कहा, 'मैं यहां आपके बीच खुद को अपने जैसा, आपके जैसा जीना चाहता हूं, जैसा आप जीते हैं। इस कार्यक्रम के जरिए छात्र पीएम मोदी से सवाल भी पूछ रहे हैं।
पीएम मोदी ने परीक्षा पे चर्चा 2.0 के दौरान स्कूली छात्रों के साथ बातचीत से पहले एक प्रदर्शनी में बच्चों द्वारा बनाई कलाकृतियों को देखा। कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि बोर्ड परीक्षा ही जिंदगी की परीक्षा नहीं है। परीक्षा अगर खराब हो जाए तो जिंदगी ठहरती नहीं है। उन्होंने कहा कि अभिभावक बच्चों पर अतिरिक्त दबाव ना डालें। जिंदगी का मतलब ठहराव नहीं, चलते रहना है।
पीएम मोदी ने कहा, 'एक कविता में लिखा है- कुछ खिलौनों के टूटने से बचपन नहीं मरा करता है, तो एक परीक्षा के खराब होने से निराशा जरूर हो सकती है लेकिन जीवन नहीं रुक जाता है।' इस कार्यक्रम के जरिए देश के विभिन्न भागों से अभिभावकों ने अपनी समस्या पीएम मोदी को बताई, जिसका समाधान उन्होंने कार्यक्रम के दौरान बताया।
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उन्होंने कहा कि बच्चों को हर वक्त डांटते रहना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी को अपेक्षाओं के बोझ तले नहीं दबना चाहिए। उन्होंने कहा किनिराशा में डूबा समाज, परिवार या व्यक्ति किसी का भी भला नहीं कर सकता है। इसके लिए आशा और अपेक्षा की आवश्यकता होती है। पीएम मोदी ने कहा कि बच्चों के साथ तकनीक पर चर्चा करनी चाहिए। तकनीक का उपयोग विस्तार के लिए किया जाना चाहिए और तकनीक को प्रोत्साहित करना चाहिए। अगर ऑनलाइन गेम्स एक समस्या है, तो इसका समाधान भी है। तकनीक के समझ को बढ़ावा देने की जरूरत है। ़
एक छात्र ने पूछा कि लक्ष्य का निर्धारण कैसे किया जाए, जिसपर पीएम मोदी ने कहा कि लक्ष्य अपने सामर्थ्य से जुड़ा होना चाहिए और उसके लिए निरंतर प्रयास भी किया जाना चाहिए। केवल लक्ष्य होना ही बड़ी बात नहीं है, उसको पाने के लिए आप कितनी कोशिश करते हैं, ये महत्वपूर्ण होता है। एक बार लक्ष्य पकड़ में आ जाएगा तो उसी से नए लक्ष्य की प्राप्ति होगी।
तमिलनाडु के छात्र नरेन ने पीएम मोदी से टाइम मैनेजमेंट के बारे में पूछा। पीएम मोदी ने कहा कि एक सामान्य सी समझ होनी चाहिए कि किस काम के लिए कितना वक्त दिया जाना चाहिए। ईश्वर ने सभी को एक दिन में 24 घंटे ही दिए हैं। अमीर और गरीब के लिए समय एक जैसा ही है। बस प्राथमिकता और जरूरतों के साथ सही सामन्जस्य बिठाना होता है। टाइम मैनेजमेंट के बिना आगे बढ़ना मुश्किल है।
पीएम मोदी ने कहा कि परीक्षा को कसौटी मानें, तो उसका आनन्द आएगा। ऊर्जा अंदर है आपके लेकिन उसको पहचानने की जरूरत है। ज्ञान प्राप्त करते हुए जीवन में आगे बढ़ते चलें। अलीगढ़ के मोहम्मद सलीम ने पूछा कि 10वीं और 12वीं के बाद अक्सर समस्या आती है कि किस दिशा में पढ़ाई आगे जारी रखी जाए।
पीएम मोदी ने बताया कि पैशन और रूचि क्या है ये हमें पता होना चाहिए। आप दबाव में आकर मत सोचिए। अपनी क्षमता के हिसाब से सोचिए, इसमें किसी की मदद भी लीजिए। आप अपनी समस्या खुलकर बताएंगे तो इसका समाधान भी मिलेगा।