पीएम मोदी ने की मालदीव के राष्ट्रपति सोलिह से फोन पर बात, कोविड-19 के बीच लिया हालात का जायजा
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोविड-19 महामारी संकट के बीच ही सोमवार को मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद इब्राहिम सोलिह से बात की है। पीएम मोदी ने खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। दोनों नेताओं के बीच फोन पर हुई इस वार्ता के दौरान महामारी से उपजे हालातों पर चर्चा की गई है। पीएम मोदी ने सोलिह को भरोसा दिलाया है कि भारत संकट की हर घड़ी में उनके देश के साथ खड़ा है।
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दोनों नेताओं के बीच हुई क्या बात
पीएम मोदी ने ट्वीट कर जानकारी दी और लिखा, 'भारत और मालदीव के बीच विशेष संबंध ने दोनों के दुश्मन कोविड-19 से एक साथ लड़ने के हमारे संकल्प को मजबूत किया है। इस चुनौतीपूर्ण समय में भारत अपने करीबी समुद्री पड़ोसी देश एवं दोस्त के साथ खड़ा है।' पीएम मोदी और राष्ट्रपति सोलिह ने इस बात पर संतोष जताया कि सार्क देशों के बीच आपसी सहयोग के लिए जिन-जिन तौर-तरीकों पर सहमति जताई गई है उन्हें सक्रियतापूर्वक लागू किया जा रहा है। पीएम मोदी ने इस बात पर खुशी भी जाहिर की कि मालदीव में पहले तैनात किए गए भारतीय डॉक्टरों की टीम और फिर बाद में भारत की तरफ से भेजी गई जरूरी दवाओं ने देश में में संक्रमण के फैलने पर रोक लगाने में योगदान दिया है। दोनों नेताओं ने इस बात पर भी सहमति व्यक्त की कि उनके अधिकारी वर्तमान स्वास्थ्य संकट से उत्पन्न मुद्दों के साथ-साथ द्विपक्षीय सहयोग के अन्य पहलुओं को भी ध्यान में रखते हुए निरंतर आपसी संपर्क में रहेंगे।
कभी चीन से थी मालदीव की करीबी
दिसंबर 2018 में जब से मालदीव के सोलिह ने सत्ता संभाली है, तब से भारत के साथ उसके संबंधों में बदलाव आया है। मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन चीन के करीबी थे और उनके रहते भारत के साथ इस देश के रिश्ते उतार-चढ़ाव से भरे थे। सोलिह के सत्ता में आने के बाद पिछले वर्ष जब पीएम मोदी ने लोकसभा चुनावों में दोबारा जीत हासिल की थी तो पहली बार सोलिह के आमंत्रण पर मालदीव के दौरे पर गए थे। दिसंबर में जब भारत की तरफ से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) आया था तो उस समय भी मालदीव ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था। मालदीव ने इसे देश का आतंरिक मसला करार दिया था।