नई नीति, नई रीति के साथ आतंकवाद का मुकाबला करना होगाः PM नरेंद्र मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 80वें ऑल इंडिया प्रीसाइडिंग ऑफिसर कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस मौके पर पीएम ने कहा कि आज के ही दिन 2008 में पाकिस्तान से आए आतंकियों ने मुंबई को अपना निशाना बनाया था। इसमे कई विदेशी नागरिक, पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी। मैं उन सभी के प्रति अपनी संवेदना जाहिर करता हूं। भारत उन जख्मों को भूल नहीं सकता है। आज भारत आतंकवाद से नई नीतियों से लड़ रहा है। आतंक के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे अपने सुरक्षाकर्मियों को मैं नमन करता हूं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे हर निर्णय का एक ही मानदंड होना चाहिए और वह मानदंड है राष्ट्रहित। हमे यह याद रखना चाहिए कि जब विचारों में देशहित व लोकहित की बजाए राजनीति होती है तो उसका नुकसान देश को उठाना पड़ता है। जब हर कोई अलग-अलग सोचता है तो तो क्या होता है उसका सरदार सरोवर बड़ा उदाहरण है। कैसी-कैसी बाधाएं आई, ये आपने देखा है लेकिन आज इस डैम का लाभ मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान के लोगों को भी हो रहा है। लाखो हेक्टेअर की जमीन को सिंचाई की सुविधा मिली है। अनेको घरों को इस बांध की वजह से पानी मिल रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि महामारी के इस समय में देश की इस संसद ने राष्ट्रहित से जुड़े कानूनों के लिए जो तत्परता दिखाई है वह अभूतपूर्व है। इस दौरान संसद के दोनों सदनों में तय समय से अधिक काम हुआ है। सांसदों ने अपने वेतन से कटौती करके अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। अनेक राज्यों के विधायकों ने भी अपनी सैलरी का एक हिस्सा दान दिया है। कोरोना के इस समय में हमारी चुनाव प्रणाली की मजबूती भी दुनिया ने देखी है। इतने बड़े स्तर पर चुनाव होना, समय पर परिणाम आना, सुचारू रूप से नई सरकार का बनना ये इतना आसान भी नहीं है। हमे हमारे संविधान से जो ताकत मिली है वह ऐसे हर मुश्किल को आसान बनाती है। हमारा संविधान 21 सदी की हर चुनौती से निपटने के लिए हमारा मार्गदर्शन करता है। आने वाले समय में संविधान 75 वर्ष की ओर से तेज गति से आगे बढ़ रहा है। ऐसे ही आजा भारत के भी 75 वर्ष होने वाले हैं, ऐसे समय में हमे व्यवस्थाओं को अनुकूल बनाने के लिए बड़ी जिम्मेदारी से काम करने की जरूरत है।