नई दिल्ली। ऐसा माना जाता है कि लोगों के सामूहिक प्रयासों से ही सामाजिक प्रगति आती है। हम में से कई ऐसे लोग हैं, जो राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान देना चाहते हैं। लेकिन ज्यादातर लोगों को ये पता नहीं होता कि क्या करना है या कहां से शुरू करना है। ऐसे में, अगर कोई आपसे कहे कि, अब आप सिर्फ एक फोन कॉल के जरिए बहुत कुछ कर सकते हैं, तो आपके लिए ये कितना आसान हो जाएगा। 'फोन उठाओ, इंडिया को पढ़ाओ' पहल के लिए धन्यवाद, अपने सेगमेंट में सबसे तेजी से बढ़ते हेयर ऑयल ब्रांड निहार शांति आंवला ने अपनी नई पहल #PhoneUthaoIndiaKoPadhao या "टेक ए कॉल" के जरिये शहरी नागरिकों को केवल एक फोन कॉल के माध्यम से वंचित बच्चों से जोड़ा है।
'टेक
ए
कॉल'
या
'फोन
उठाओ
इंडिया
को
पढ़ाओ'
क्या
है?
#PhoneUthaoIndiaKoPadhao
या
'टेक
ए
कॉल'
अभियान
के
तहत
शहरी
स्वयंसेवकों
को
ग्रामीण
क्षेत्रों
के
ऐसे
वंचित
बच्चों
के
साथ
जोड़ा
गया,
जो
अंग्रेजी
बोलने
का
अभ्यास
करना
चाहते
हैं।
अंग्रेजी
भाषा
को
व्यापक
रूप
से
प्रगति
का
एक
जरिया
माना
जाता
है।
इसके
अलावा,
व्यावहारिक
रूप
से
अर्थव्यवस्था
के
सभी
क्षेत्रों
में,
यह
रोजगार
को
भी
बढ़ाता
है।
लेकिन
जिस
तरह
से
शहर
के
बच्चे
और
गांवों
में
बच्चे
अंग्रेजी
बोलना
सीखते
हैं,
उनके
बीच
एक
व्यापक
अंतर
देखने
को
मिलता
है।
चूंकि
भारत
में
70
फीसदी
छात्र
आर्थिक
रूप
से
गरीब
पृष्ठभूमि
से
हैं,
उन्हें
अपने
माता-पिता
और
बड़े-बुजुर्गों
से
अंग्रेजी
भाषा
का
मार्गदर्शन
नहीं
मिल
पाता
है।
ऐसे
में
अपने
सेगमेंट
में
सबसे
तेजी
से
बढ़ता
हेयर
ऑयल
ब्रांड
निहार
शांति
आंवला
ने
सामाजिक
रूप
से
जागरूक
नागरिकों
को
जोड़कर
सीखने
वाली
और
बोली
जाने
वाली
अंग्रेजी
के
बीच
की
खाई
को
पाटने
के
लिए
एक
नई
पहल
शुरू
की
है।
इस
पहल
का
उद्देश्य
बेसिक
अंग्रेजी
बोलने
से
वंचित
बच्चों
को
एक
कॉल
पर
शहरी
केंद्रों
के
स्वयंसेवकों
से
जोड़कर,
उन्हें
ये
सुविधा
प्रदान
करना
है।
क्या
है
उद्देश्य?
निहार
शांति
आंवला
हमेशा
सामाजिक
प्रगति
के
लिए
प्रतिबद्ध
रहा
है
और
मानता
है
कि
शिक्षा
विकास
की
मूल
नींव
है।
बच्चों
को
अच्छी
तरह
से
जोड़ने
वाले
माध्यम
से
गुणवत्तापूर्ण
शिक्षा
प्रदान
करने
के
लिए,
वह
'पाठशाला
फनवाला
अम्ब्रेला'
के
तहत
कई
कार्यक्रम
चला
रहे
हैं।
निहार
शांति
आंवला
(एनएसए),
'एजुकेट
गर्ल्स'
के
साथ
भी
काम
करता
है,
जो
एक
एनजीओ
है,
ये
सार्वजनिक,
निजी
और
सामुदायिक
संसाधनों
को
जुटाकर
सभी
अशिक्षित
और
हाशिए
पर
रहने
वाली
लड़कियों
के
लिए
गुणवत्तापूर्ण
शिक्षा
प्रदान
करता
है,
जिससे
उनकी
शिक्षा
और
स्कूल
की
गुणवत्ता
में
सुधार
होता
है।
इसके
माध्यम
से
सभी
के
लिए
व्यवहारिक,
सामाजिक
और
आर्थिक
परिवर्तन
संभव
होता
है।
इस
पहल
से
भारत
के
लैंगिक
अंतर
वाले
जिलों
में
सभी
बच्चों
को
गुणवत्तापूर्ण
शिक्षा
प्राप्त
करने
के
समान
अवसर
मिल
पा
रहे
हैं।
पिछले
कुछ
सालों
में
इस
कार्यक्रम
ने
मध्य
प्रदेश
के
धार
और
राजस्थान
के
उदयपुर
में
करीब
2
लाख+
लाभार्थियों
को
फायदा
पहुंचा
है।
पिछले कुछ सालों में निहार शांति पाठशाला ने ग्रामीण इलाकों में अपनी पहुंच और पकड़ मजबूत की है। इस पहल ने 7500 से अधिक गांवों को फायदा पहुंचाया है। पिछले एक साल में 3 लाख यूनिक बच्चों की मदद के लिए लगभग 8.5 लाख से अधिक कॉल किए गए जिनके माध्यम से उन्हें इस पहल में जोड़ने की कोशिश की गई है। 'टेक ए कॉल' या 'फोन उठाओ इंडिया को पढ़ाओ' एक नई पहल है। निहार शांति आंवला ने 'फोन उठाओ इंडिया को पढ़ाओ' अभियान की शुरुआत की, जिससे इन बच्चों को शहरी स्वयंसेवकों से बात करने का अवसर मिला, जो अपने दैनिक जीवन में धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलते हैं। इस अभियान की शुरुआत के बाद 55,000 से ज्यादा मिनट की गुणवत्तापूर्ण स्पोकेन इंगलिश क्लास मुहैया कराई गई।
साक्षरता दिवस ही क्यों?
इस अभियान को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर राष्ट्रीय स्तर पर लॉन्च किया गया। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन की वजह से शिक्षा को लेकर संवेदनशीलता बढ़ी है, यही वजह है कि राष्ट्रीय स्तर पर 'टेक ए कॉल' अभियान को लॉन्च करने का ये सही दिन था। इससे हमें ज्यादा वॉलंटियर्स मिलने में भी मदद मिली। #PhoneUthaoIndiaKoPadhao, निहार शांति के 'पाठशाला फनवाला' कार्यक्रम का एक विस्तार है, जो पिछले 5 वर्षों से चल रहा है और इसने बच्चों को प्री-रिकॉर्डेड आईवीआर आधारित मॉड्यूल के माध्यम से अंग्रेजी बोलना सीखने का अवसर प्रदान किया है। यह देश के प्रमुख शिक्षाविदों और गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से बनाया गया, ये आईवीआर मॉड्यूल 7 लाख से अधिक बच्चों तक पहुंचने और उन्हें एक मजेदार और आकर्षक तरीके से अंग्रेजी सीखने की राह बनाने में मददगार रहा है।
कारोबार
के
साथ
सामाजिक
जिम्मेदारी
भी
निहार
शांति
आंवला,
एक
वैल्यू
एडेड
हेयर
ऑयल
है,
जो
मौजूदा
दौर
में
इस
सेगमेंट
में
वॉल्यूम
लीडर
है।
कारोबार
करने
के
साथ
साथ
वो
अपनी
सामाजिक
जिम्मेदारी
को
भी
समझता
है
और
यही
वजह
है
कि
समाज
के
सबसे
वंचित
वर्ग
से
उसका
एक
दिल
का
रिश्ता
है।
भारत
में
बच्चों
के
लिए
शैक्षिक
परिणामों
में
सुधार
करने
के
लिए
वो
प्रतिबद्ध
हैं,
खास
तौर
से
उनका
फोकस
वंचित
बच्चों
पर
है।
यही
वजह
कि
वो
अपने
शुद्ध
लाभ
का
5
फीसदी
हिस्सा
बच्चों
की
शिक्षा
के
लिए
खर्च
करने
के
लिए
प्रतिबद्ध
हैं।
"फोन उठाओ-इंडिया को पढ़ाओ" एक ऐसा कार्यक्रम है जो किसी बच्चे की जिंदगी को बेहतर बनाने का आसान और अच्छा जरिया बन सकता है। जो कोई भी, और ऐसे सभी लोग जो अंग्रेजी बोल सकते हैं, वो बच्चों को भी ये हुनर सिखाने में मदद कर सकते हैं।
आप इस साक्षरता दिवस पर फोन कॉल उठाइए और किसी बच्चे की जिंदगी को बेहतर बनाने में मदद कीजिए। इसके लिए हमें केवल आपके 10 मिनट और किसी की जिंदगी बदलने की नेक नीयत चाहिए। आप वॉलंटियर बनने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक पर रजिस्टर कर सकते हैं।
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