उत्तराखंड में भी महंगा हुआ पेट्रोल, डीजल, जानिए कितनी बढ़ोतरी हुई
नई दिल्ली। कोरोना संकट में तमाम राज्यों की कमाई बिल्कुल खत्म हो गई है। तमाम राज्यों के भारी दबाव के बीच सरकार ने शराब की बिक्री पर छूट दी। इसके बाद अब अब तमाम राज्यों ने राजस्व की बढ़ोतरी के लिए पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी का भी फैसला लिया है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश के बाद अब उत्तराखंड सरकार ने भी पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाने का फैसला लिया है। प्रदेश सरकार में मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि कैबिनेट में फैसला लिया है कि वह पेट्रोल को 2 रुपए प्रति लीटर और डीजल को 1 रुपए प्रति लीटर बढ़ाएगी। योगी सरकार ने भी पेट्रोल पर दो रुपए और डीजल पर एक रुपए वैट की बढ़ोतरी की है।
केंद्र सरकार ने लिया था फैसला
केंद्र सरकार ने मंगलवार को पेट्रोल में 10 रुपए और डीजल पर 13 रुपए उत्पाद शुल्क की बढ़ोतरी कर दी। एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी से सरकार 11 महीनों में सरकारी खजाने में 1.6 लाख करोड़ का अतिरिक्त राजस्व हासिल कर लेगी। बता दें कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें दो दशक के निचले स्तर पर पहुंच गई है। ऐसे में सरकार ने तेल की कीमतों पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने का फैसला किया।
1.6 लाख करोड़ की कमाई
हालांकि इस बढ़ोतरी से वर्तमान वित्तीय वर्ष में राजस्व में 1.6 लाख करोड़ की अतिरिक्त कमाई होगी, जिससे राजस्व पर पड़े बोझ को कुछ कम किया जा सकेगा। हालांकि मौजूदा वित्तीय वर्ष में दूसरा मौका है जब सरकार ने उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी की है। इससे पहले सरकार ने मार्च में पेट्रोल-डीजल दोनों के उत्पाद शुल्क में 3 रुपए की बढ़ोतरी की है। हालांकि इस बार ये बढ़ोतरी ज्यादा की गई है।
विपक्ष कर रहा विरोध
वहीं सरकार के फैसले का विरोध करते हुए प्रियंका गांधी ने ट्वीट करके लिखा कच्चे तेल के दामों में भारी गिरावट का फायदा जनता को मिलना चाहिए लेकिन भाजपा सरकार बार-बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर जनता को मिलने वाला सारा फायदा अपने सूटकेस में भर लेती है। गिरावट का फायदा जनता को मिल नहीं रहा है और जो पैसा इकट्ठा हो रहा है उससे भी मजदूरों की, मध्यम वर्ग की, किसानों की और उद्योगों की मदद हो नहीं रही है। आखिर सरकार पैसा इकट्ठा किसके लिए कर रही है?