आजीवन सरकारी बंगला मामले पर नीतीश समेत कई पूर्व सीएम को हाईकोर्ट का नोटिस
नई दिल्ली। पटना हाईकोर्ट ने बिहार की नीतीश कुमार सरकार को पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन बंगले के आवंटन मामले में नोटिस दिया है। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एपी साही और न्यायमूर्ति अंजना मिश्रा की बेंच ने सूबे के पूर्व मुख्यमंत्रियों से भी आजीवन बंगले के आवंटन मामले पर जवाब तलब किया है। इस मामले की अगली सुनवाई हाईकोर्ट में 11 फरवरी को होगी।
पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में नीतीश कुमार सरकार सहित सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस देते हुए चार हफ्ते में जवाब देने को कहा है। बिहार सरकार की तरफ से सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, डॉ.जगन्नाथ मिश्र, जीतन राम मांझी और सतीश प्रसाद सिंह को आजीवन सरकारी बंगला और अन्य सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं।
सोमवार को पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के बंगला खाली करने से जुड़े मामले पर सुनवाई हुई, इस दौरान कोर्ट में बताया गया कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सरकारी बंगला आवंटित किया गया है। हाईकोर्ट ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए बिहार सरकार को नोटिस भेजा और 4 हफ्ते में जवाब तलब किया। कोर्ट ने पूछा है कि सरकार कारण बताए कि ये सारे आवंटन क्यों न रद्द किए जाएं।
सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने तर्क दिया था कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को कानून के मुताबिक आवास दिया गया है। जिसपर जज ने कहा कि ये कानून संविधान के खिलाफ है। जब सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सीएम को बंगला देने को असंवैधानिक ठहराया तो ये कानून लागू कैसे कर दिया गया? जज ने कहा कि इस मामले में सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस किया जाएगा।