गुजरात और मध्य प्रदेश में भी बैन हुई 'पद्मावत', मुंबई में फिल्म का विरोध करते 96 लोग हिरासत में
नई दिल्ली। संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' को सेंसर बोर्ड से रिलीज की इजाजत मिलने के बाद भाजपा शासित चार राज्यों में फिल्म को बैन कर दिया गया है। शुक्रवार को गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने ऐलान किया है कि राज्य में पद्मावत को रिलीज नहीं किया जाएगा। रूपाणी ने जनभावनाओं और कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए फिल्म को बैन करने की बात कही है। वहीं मध्य प्रदेश सरकार ने भी फिल्म को बैन करने की बात कही है। राजस्थान और हिमाचल के बाद गुजरात तीसरा और मध्य प्रदेश चौथा राज्य है, जहां फिल्म बैन हुई है। वहीं मुंबई में फिल्म की रिलीज को लेकर विरोध कर रहे 96 लोगों को गामदेवी पुलिस ने हिरासत में लिया है। ये लोग सेंसर बोर्ड के दफ्तर के सामने फिल्म की रिलीज रोकने को लेकर हंगामा कर रहे थे। फिल्म 25 जून को रिलीज होगी।
राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में भी बैन है फिल्म
काफी समय से विवाद में घिरी पद्मावती को सेंसर बोर्ड की इजाजत के बाद 25 जनवरी को रिलीज किया जाएगा। राजस्थान सरकार ने साफ कर दिया है कि प्रदेश में फिल्म को रिलीज करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। राजस्थान के गृह मंत्री गुलाबचंद ने कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुराने आदेश को ही जारी रखा जाएगा और राज्य में फिल्म को रिलीज नहीं किया जाएगा। वसुंधरा राजे ने भी कहा है कि लोगों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए फिल्म को राज्य में रिलीज नहीं किया जाएगा।
हिमाचल में भी नहीं देख सकेंगे पद्मावत
राजस्थान सरकार के बाद हिमाचल प्रदेश में भाजपा शासित जय राम ठाकुर सरकार ने भी संजय लीला भंसाली की विवादास्पद फिल्म पद्मावत के प्रदर्शन पर रोक लगाने का ऐलान कर चुकी है। पद्मावती के प्रदर्शन पर रोक लगाने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए सी एम जय राम ठाकुर ने कहा कि मैं इस मामले पर कुछ ज्यादा नहीं बोलना चाहता। हमें क्या करना है इस पर विचार चल रहा है। लेकिन हमारा मानना है कि यह फिल्म विवादास्पद है। मैं कला का कद्रदान हूं, लेकिन साथ ही हमें यह भी देखना होगा कि कला व कलाकार कहीं जनभावनाओं को आहत तो नहीं कर रहे हैं। इस पर विचार मंथन होना चाहिए।
पहले एक दिंसबर थी रिलीज डेट
पहले इस फिल्म को एक दिसंबर को रिलीज होना था लेकिन इस फिल्म को लेकर भाजपा के नेताओं और करणी सेना के बवाल के बाद फिल्म की रिलीज को टाल दिया गया था। खबर के मुताबिक फिल्म में 5 बड़े संशोधन किए गए हैं, जिसके बाद फिल्म को U/A सर्टिफिकेट मिला है। फिल्म में संशोधन सेंसर बोर्ड के पैनल के कहने पर किया गया है, इस पैनल में इतिहासकार भी शामिल थे। अब फिल्म को 5 जनवरी की रिलीड डेट मिली है लेकिन विरोध अभी भी जारी है।
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