केरल में ऑक्सीजन नर्स हों या राजस्थान में मोबाइल ओपीडी, राज्यों की इन कोशिशों ने केंद्र का दिल जीत लिया
नई दिल्ली, 21 मई: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को खत लिखकर कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए उनकी ओर से शुरू की गई बेहतर पहल का जिक्र करते हुए उसकी जमकर सराहना की है। केंद्र सरकार ने अलग-अलग राज्यों में लोकल एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से उठाए गए कुछ अनोखे कदमों की तारीफ की है और कहा है कि मौजूदा चुनौतियों को देखते हुए उन्होंने जो नायाब कोशिशें की हैं, वह बहुत ही प्रशंसनीय है। इस खत में तमिलनाडु में शुरू हुई टैक्सी एंबुलेंस सेवा और राजस्थान में चलाई गई मोबाइल ओपीडी सेवा समेत अलग-अलग राज्यों के 12 और कदमों का जिक्र किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने अपनी चिट्ठी में 18 और 20 मई को देश में कोरोना से बुरी तरह प्रभावित जिलों के डीएम और नगम आयुक्तों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हुई बातचीत का जिक्र करते हुए यह चिट्ठी भेजी है।
राजस्थान के मोबाइल ओपीडी सेवा की तारीफ
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की ओर से राज्यों को लिखी गई चिट्ठी में कहा गया है, 'महामारी के नियंत्रण के लिए उससे जुड़ी चुनौतियों के बावजूद स्थानीय स्तर पर नायाब प्रयासों के जरिए राज्यों और जिलों ने जिस समन्यवय और समर्पण के साथ अपनी ओर से काम किए हैं, वह प्रशंसनीय है।' स्वास्थ्य सचिव ने अपने खत में राज्यों और जिलों की जिन कोशिशों का जिक्र किया है उनमें राजस्थान के गांवों में गैर-कोविड आवश्यक सेवाओं के लिए ब्लॉक स्तर पर मोबाइल ओपीडी सेवा और बीकानेर जिले के हर अस्पताल में ऑक्सीजन की बर्बादी रोकने के लिए 'ऑक्सीनज मित्र' के प्रावधान की सराहना की गई है। इसी तरह केरल के अस्पतालों में ऑक्सीजन के सही तरीके से इस्तेमाल के लिए ऑक्सीजन नर्सों को काम पर लगाने को भी सराहा गया है।
यूपी के इन जिलों की कोशिशों की हुई सराहना
इस खत में उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में कोविड कंट्रोल के लिए उठाए कदमों का भी जिक्र है, जिसमें ग्रामीण इलाकों में घर-घर रैपिड एंटीजन टेस्ट और आरटी-पीसीआर टेस्ट की वजह से एक महीने में पॉजिटिविटी रेट 38 से घटकर 2.8 पर आ चुकी है। इसमें उस काशी मॉडल का भी जिक्र है, जिसका हवाला खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गुजरात दौरे पर दे चुके हैं। खत में वाराणसी के उस कोविड रेस्पॉन्स सेंटर की बात की गई है, जिसने प्रभावी तरीके से वहां एक महीने से भी कम समय में कोरोना पर नियंत्रण करके स्थानीय लोगों को बहुत बड़ी राहत देने का काम किया है। इस खत में ही यूपी के गौतम बुद्ध नगर जिले का भी नाम लिया गया है, जिसने रेसिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के साथ मिलकर आइसोलेशन सेंटर और कोविड केयर सेंटर स्थापित किया है।
तमिलनाडु की टैक्सी एंबुलेंस सेवा की प्रशंसा
तारीफों की इस फेहरिस्त में तमिलनाडु में शुरू की गई टैक्सी एंबुलेंस सेवा, हरियाणा के गुरुग्राम में दफ्तरों में वैक्सीनेशन सेंटर बनाने और ड्राइव थ्रू कोविड वैक्सीनेशन जैसी शुरुआत की प्रशंसा की गई है। यही नहीं यहां के सभी 102 अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की उपलब्धता के साथ-साथ एंबुलेंस सेवाओं की रीयल टाइम जानकारी देने के लिए डिजिटल पोर्टल बनाया गया है, उसकी भी काफी तारीफ की गई है।
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मध्य प्रदेश में हुए इस अनोखे पहल की भी हुई तारीफ
इसके साथ ही मध्य प्रदेश में संक्रमण को काबू में करने के लिए जिस तरह से मोहल्ला, गांव, ब्लॉक और जिला स्तर पर आइसोलेशन और कंटेंमेंट उपायों के लिए स्थानीय प्रतिधिनियों और चुनाव में हारे हुए उम्मीदवारों को एक साथ लिया गया है, इसे बहुत ही अच्छा पहल बताया गया है। तारीफों की लिस्ट में केंद्रीय आयुष मंत्रालय भी शामिल है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चंडीगढ़ में आयुष हेल्थ फैसिलिटी में कोविड मैनेजमेंट के लिए आयुष दवाओं और छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा के हाट-बाजारों में आयुष काढ़ा के वितरण की भी जमकर तारीफ की गई है।