आप रह जाएंगे हैरान, जब जानेंगे कि समुद्र में बढ़ रहे प्लास्टिक कचरे में इस चीज की है सबसे बड़ी मात्रा
नई
दिल्ली।
प्लास्टिक
प्रदूषण
को
लेकर
इस
वक्त
पूरे
विश्व
में
चर्चा
है
और
कहा
जा
रहा
है
कि
अगर
हमने
इसे
रोकने
के
प्रभावी
कदम
नहीं
उठाए
तो
आने
वाले
वक्त
में
समुद्र
में
मछ्लियों
से
ज्यदा
प्लास्टिक
भरा
होगा।
समुद्र
के
प्लास्टिक
कचरे
में
प्लास्टिक
की
स्ट्रॉ
को
सबसे
बड़ा
कारण
माना
जाता
रहा
है।
लेकिन
आप
ये
जानकर
हैरान
रह
जाएंगे
कि
सिगरेट
के
बट्स
समुद्र
के
कचरे
का
सबसे
बड़ा
स्रोत
हैं।
एनबीसी
न्यूज
के
मुताबिक
सिगरेट
बट्स
पिछले
32
सालों
से
दुनिया
के
समुद्री
तटों
पर
एकत्रित
की
जाने
वाली
सबसे
ज्यादा
चीज
रही
है।
इनकी
संख्या
60
मिलियन
है।
1986
से
सभी
इकट्ठा
की
जा
रही
वस्तुओं
में
से
एक
तिहाई
से
अधिक
सिगरेट
बट्स
हैं,
बाकि
चीजों
में
बोतल
के
ढक्कन,
कंटेनर,
रैपर,
खाने
के
बर्तन
और
बोतलें
शामिल
हैं।
हर
साल
इकट्ठा
होने
वाली
मात्रा
सिगरेट
बट्स:
2.4
मिलियन
खाने
के
रैपर:
1.7
मिलियन
प्लास्टिक
की
बोतलें:
1.6
मिलियन
बोतल
के
ढक्कन:
1.0
मिलियन
प्लास्टिक
बैग:
0.8
मिलियन
फिल्टर
सड़ने
में
लगता
है
काफी
वक्त
सिगरेट
फिल्टर
का
आविष्कार
1900
के
दशक
के
मध्य
में
किया
गया
था
ताकि
ये
सिगरेट
पीने
से
हमारे
स्वास्थ्य
में
होने
वाली
समस्याओं
से
राहत
दिलाने
में
मदद
करे।
दुनिया
भर
में
निर्मित
5.6
ट्रिलियन
सिगरेट
सेल्यूलोज
एसीटेट
से
बने
फिल्टर
के
साथ
आती
हैं,
जो
विघटन
के
लिए
एक
वर्ष
से
अधिक
समय
लेता
हैं।
हर
वर्ष
दो
तिहाई
फिल्टर
को
गैर
जिम्मेदार
ढंग
से
डंप
किया
जाता
है।
इस
वक्त
ये
हमारी
मिट्टी,
नदियों
और
महासागरों
के
बड़ा
खतरा
बन
गए
हैं।
फिल्टर
से
कोई
लाभ
नहीं
जानकार
बताते
हैं
कि
फिल्टर
वाली
सिगरेट
से
किसी
तरह
का
कोई
स्वास्थ्य
लाभ
नहीं
है।
ये
सिर्फ
कंपनियों
द्वारा
अपना
बाजार
बढ़ाने
का
तरीका
मात्र
है।
फिल्टर
वाली
सिगरेट
बगैर
फिल्टर
वाली
सिगरेट
से
किसी
तरह
अलग
नहीं
है।
सिगरेट
बट्स
स्पष्ट
रूप
से
कचरे
का
बड़ा
खतरा
बनते
जा
रहे
हैं।
अब
ये
भी
आवज़
उठनी
लगी
है
कि
क्या
तम्बाकू
कंपनियों
को
सिगरेट
से
फिल्टर
को
हटा
देना
चाहिए
या
फिर
सरकारों
को
इस
पर
प्रतिबंध
लगाने
की
दिशा
में
सोचना
चाहिए।
किसी
ना
किसी
को
इसकी
जिम्मेदारी
लेनी
ही
होगी।
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