क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

लॉकडाउन के वक्त कितने प्रवासी मजदूरों की गई जान? सरकार ने कहा- हमारे पास डेटा नहीं

Google Oneindia News

नई दिल्ली। भारत सरकार ने सोमवार को संसद में बताया कि कोरोनो वायरस महामारी के दौरान लॉकडाउन लागू में प्रवासी श्रमिकों की मौतों और नौकरी के नुकसान के बारे में कोई डेटा उपलब्ध नहीं है। केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय से लोकसभा में जानकारी मांगी गई थी कि क्या सरकार को इस बात की जानकारी है कि कितने प्रवासी श्रमिकों ने अपने मूल निवास लौटने की कोशिश में जान गंवाई और क्या राज्यवार आंकड़ा मौजूद है।

Recommended Video

Parliament Monsoon Session: सरकार को नहीं पता, Lockdown में गई कितने मजदूरों की जान | वनइंडिया हिंदी
लॉकडाउन के वक्त कितने प्रवासी मजदूरों की जान गई?

लॉकडाउन के वक्त कितने प्रवासी मजदूरों की जान गई?

सोमवार से शुरू हुए मॉनसून सत्र में विपक्ष के कुछ सांसदों ने सरकार से पूछा कि कोरोना और लॉकडाउन की वजह से कितने प्रवासी मजदूरों पर संकट आया। कितने प्रवासी मजदूरों की मौत हुई। इसका आंकड़ा सदन के सामने रखें। केंद्र सरकार ने संसद को बताया है कि इसका कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। लॉकडाउन की वजह से लाखों मजदूरों ने शहरों से गांवों की ओर पलायन किया था, जिनमें से कई की मौत रास्ते में अलग-अलग वजहों से हो गई थी। मंत्रालय ने कहा कि चूंकि इस तरह का डेटा नहीं जुटाया गया था इसलिए पीड़ितों या उनके परिवारों को मुआवजे का सवाल नहीं उठता।

मुफ्त राशन पर सरकार ने दिया ये जवाब

मुफ्त राशन पर सरकार ने दिया ये जवाब

इसके अलावा सवाल पूछा गया कि क्या सरकार ने सभी राशनकार्ड धारकों को मुफ्त में राशन दिया है, अगर हां तो उसकी जानकारी दें। राशन के मसले पर मंत्रालय की ओर से कहा कि, राज्यवार आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, लेकिन 80 करोड़ लोगों को पांच किलो अतिरिक्त चावल या गेहूं, एक किलो दाल नवंबर 2020 तक देने की बात कही गई है।यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के सामने आने वाली समस्याओं का आकलन करने में विफल रही?

सरकार ने वन नेशन वन राशन कार्ड की बात सामने रखी

सरकार ने वन नेशन वन राशन कार्ड की बात सामने रखी

इस सवाल सरकार की ओर से कहा गया है कि, एक राष्ट्र के रूप में भारत ने केंद्र और राज्य सरकारों, लोकल बॉडीज, सेल्फ हेल्प ग्रुप्स, रेजिडेंट वेलफेयर असोसिएशंस, चिकित्साकर्मियों, सफाई कर्मचारियों और बड़ी संख्या में एनजीओ ने कोरोना वायरस और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से इस अभूतपूर्व मानवीय संकट के खिलाफ काम किया। सदन में सरकार की तरफ से लॉकडाउन के वक्त गरीब कल्याण योजना, आत्मनिर्भर भारत पैकेज, ईपीएफ योजना जैसे लिए गए निर्णयों की जानकारी दी गई है। सरकार ने कहा कि, सरकार ने वन नेशन वन राशन कार्ड (ONORC) योजना को लागू करना शुरू कर दिया है। इस योजना के लागू होने से प्रवासी लाभार्थी को देश में कहीं भी अपनी पसंद की उचित मूल्य की दुकान से खाद्य सुरक्षा मिल सकती है।

दिल्ली में रेलवे लाइन के किनारे से नहीं हटाएंगे 48 हजार झुग्गियां: केंद्र सरकार

Comments
English summary
No data on deaths among migrant workers during lockdown: Government
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X