जदयू में जबर्दस्त फूट, काम नहीं आ रहा नीतीश का 'त्याग'
असंतुष्ट विधायकों की पूनम देवी के आवास पर बैठक हुई। असंतुष्टों की बढ़ती संख्या इस महीने निर्धारित राज्यसभा की तीन सीटों के चुनाव में जद (यू) के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है। बिहार विधानसभा में अपने मौजूदा 117 विधायकों के दम पर पार्टी के लिए राज्यसभा की तीन सीटें जीतना समस्या नहीं है लेकिन जिस तरह से बागियों की संख्या बढ़ रही है उस स्थिति में क्रॉस वोटिंग की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
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ऐसा समझा जाता है कि खाली हुई तीन सीटों में से एक के लिए जद (यू) अध्यक्ष शरद यादव संभावितों में से एक हैं। यह सीट लोकसभा चुनाव में रामविलास पासवान, राजीव प्रताप रूड़ी और रामकृपाल यादव की जीत के बाद खाली हुई है।
पटना जिले के दीघा से विधायक पूनम देवी के आवास पर बैठक में उपस्थित विधायकों में मदन साहनी, राजू कुमार सिंह, रवींद्र राय और ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू शामिल हैं। बैठक से निकलते हुए पूनम देवी ने कहा कि नीतीश कुमार राजीव रंजन सिंह लल्लन, आरसीपी सिंह और संजय गांधी जैसे कुछ दलालों से घिरे हुए हैं जो पार्टी में फैसले कर रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि सत्तारूढ़ पार्टी में तकरीबन 50 विधायक पार्टी में अब इसे और बर्दाश्त करने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जद (यू) अध्यक्ष शरद यादव पार्टी विधायकों के एक बड़े तबके की राय से वाकिफ हैं और उन्होंने इस संबंध में उनसे हस्तक्षेप करने की मांग की।
पूनम ने एकबार फिर ज्ञानू की मांग दोहराई कि लल्लन, आरसीपी सिंह, संजय गांधी को पार्टी से बाहर निकाला जाए। जद (यू) के भीतर संकट उस दिन से शुरू हुआ जब 3 जून को 14 नए मंत्रियों को शामिल करके मांझी सरकार का विस्तार किया गया। फिलहाल अभी राजनीति में दांव-पेंच का दौर जारी है पर नीतीश ने मांझी सरकार से सुविधाएं ना लेकर विरोधियोें को चुप करवाने की नई पहल की है।