बिहार चुनावों से पहले CM नीतीश का मास्टर स्ट्रोक, शिक्षकों की सैलरी 22 फीसदी बढ़ाई
पटना। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा दांव खेला है। देश के नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही लंबे समय से लंबित पड़े शिक्षकों की अधिकतर मांगों को मान लिया गया है। मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में नियोजित शिक्षकों के वेतन में 22 फीसदी का इजाफा करने का फैसला किया गया है। यह चुनावों से पहले नीतीश सरकार का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है।
बिहार कैबिनेट ने सेवा शर्त नियमावली को दी मंजूरी
मंगलवार को नीतीश कुमार सरकार की कैबिनेट बैठक हुई। इस बैठक में कुल 28 एजेंडों पर मुहर लगी। कैबिनेट बैठक में सरकार ने स्थानान्तरण, प्रमोशन समेत अन्य तरह की सुविधा का तोहफा नियोजित शिक्षकों को दिया है। इसके साथ ही सरकार ने वेतन में भी 22 फीसदी तक का इजाफा कर दिया है, जिसका लाभ एक अप्रैल 2021 से मिलेगा। कैबिनेट के इस फैसले से सरकार के खजाने पर 2765 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा। फिलहाल शिक्षकों के वेतन मद में 820 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।
3.5 लाख नियोजित शिक्षकों को इसका फायदा मिलेगा
नई सेवा शर्त नियमावली के लागू होने के बाद नियोजित शिक्षकों को प्रमोशन और स्थानांतरण जैसी सुविधाओं का भी लाभ मिलेगा। माना जा रहा है कि 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर नई सेवा शर्त नियमावली की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। बिहार कैबिनेट के इस फैसले के बाद तकरीबन 3.5 लाख नियोजित शिक्षकों को इसका फायदा मिलेगा। अब बिहार के नियोजित शिक्षक किसी कोने में ले ट्रांसफर ले सकेंगे।
खिलाड़ियों के लिए भी कई ऐलान
इसके साथ ही संयुक्त सीमित परीक्षा के माध्यम से प्रोमोशन का भी लाभ मिलेगा। वहीं, शिक्षक की मौत के बाद परिजनों को मिलेगा अनुकंपा पर नौकरी भी मिल सकेगी। कैबिनेट ने खिलाड़ी नियुक्ति नियमावली संसोधन 2020 पर भी मुहर लगा दी जिसके तहत भारी संख्या में खिलाड़ियों की भर्ती की जाएगी। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नियोजित शिक्षकों की पुरानी मांग को मान कर नीतीश कुमार ने बड़ा चुनावी दांव खेला है।
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