निर्भया केस: क्या तिहाड़ जेल से आया है फोन, इस सवाल पर क्या बोले पवन जल्लाद
नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप और मर्डर में चारों दोषियों का डेथ वारंट दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने जारी कर दिया है। मंगलवार को इन चारों का डेथ वारंट जारी होने के बाद मेरठ के रहने वाले पवन जल्लाद ने कहा है कि वो चारों दोषियों को फांसी देने के लिए पूरी तैयार है। जेल प्रशासन से कोई फोन आने, या संपर्क किए जाने के सवाल पर पवन ने कहा, जेल प्रशासन से किसी ने भी अभी तक मुझसे संपर्क नहीं किया है। यदि मुझे आदेश मिलता है, तो मैं अवश्य जाऊंगा। इन चारों को फांसी देने मेरे और निर्भया के माता-पिता के लिए भी राहत देने वाला होगा।
दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने आज (7 दिसंबर) डेथ वॉरंट जारी कर दिया। दोषियों को 14 दिन बाद, 22 जनवरी को तिहाड़ जेल में फांसी दे दी जाएगी। डेथ वॉरंट के बाद कम से कम 14 दिन का वक्त दिया जाता है, जो दिया गया है। इस समय में जेल प्रशासन अपनी तैयारी पूरी करेगा। पटियाला हाउस कोर्ट ने वारंट जारी करते हुए कहा कि इस बीच चाहें तो दोषी बचे हुए कानूनी विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं। निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल करेंगे।
ये केस सात साल पहले का है। 16 दिसंबर, 2012 की रात अपने दोस्त के साथ बस में चढ़ी 23 साल की छात्रा के साथ छह लोगों ने चलती बस में गैंगरेप किया था और लोहे की रॉड से उस पर वार किया था। इसके बाद घायल हालत में उसे सड़क पर फेंककर फरार हो गए थे। पीड़िता ने बाद में इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया। मामले के चार दोषी विनय शर्मा, मुकेश सिंह, पवन गुप्ता और अक्षय कुमार सिंह को फांसी की सजा सुनाई गई है। एक अन्य दोषी राम सिंह ने 2015 में तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी। एक नाबालिग दोषी को सुधार गृह में तीन साल की सजा काटने के बाद 2015 में रिहा हो गया था।
निर्भया के दोषियों के वकील बोले- मीडिया और राजनीतिक दबाव में नहीं हुई निष्पक्ष जांच