क्या मुख्तार अब्बास नकवी बन सकते हैं उपराष्ट्रपति, जानिए और कौन हैं उम्मीदवारी की रेस में ?
नई दिल्ली, 6 जुलाई: देश के 16वें उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद के लिए 6 अगस्त को चुनाव होने हैं। इसमें लोकसभा और राज्यसभा के सांसद मिलकर वोट देते हैं। जाहिर है कि इस पद को लेकर भी सत्ताधारी और विपक्षी दलों में सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। हालांकि, विपक्ष में राष्ट्रपति चुनाव की स्थिति देखने के बाद ज्यादा सरगर्मी नहीं है। लेकिन, बीजेपी के लिए यह चुनाव राष्ट्रपति के चुनाव से ज्यादा आसान माना जा रहा है। ऐसे में आज जिस तरह से राज्यसभा की सदस्यता खत्म होने से एक दिन पहले केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इस्तीफा दिया है, उसके बाद इस पद के लिए उनके नाम की चर्चा तेज हो गई है।
राज्यसभा का कार्यकाल खत्म होने से पहले मंत्री पद से इस्तीफा
राज्यसभा सांसद का कार्यकाल खत्म होने से एक दिन पहले दो केंद्रीय मंत्रियों मुख्तार अब्बास नकवी और आरसीपी सिंह ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से बुधवार को इस्तीफा दे दिया है। जानकारी के मुताबिक कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों केंद्रीय मंत्रियों के देश के लिए योगदान की काफी सराहना की है। नकवी ने कैबिनेट की बैठक के बाद भाजपा मुख्यालय जाकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की है। संवैधानिक प्रावधानों के तहत किसी भी सदन के लिए नहीं चुने जाने पर भी दोनों मंत्री 6 महीने तक और मंत्रिमंडल में बने रह सकते थे। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ है, इसलिए नकवी को लेकर तरह-तरह के सियासी अटकलों का बाजार गर्म है।
मुख्तार अब्बास नकवी बन सकते हैं उपराष्ट्रपति ?
मुख्तार अब्बास नकवी भाजपा के बड़े नेता हैं और वह राज्यसभा में पार्टी के डिप्टी लीडर भी हैं। राज्यसभा के लिए चुने जाने से पहले नकवी बीजेपी के टिकट पर यूपी की रामपुर सीट से लोकसभा का चुनाव भी जीत भी चुके हैं और सिकंदर बख्त के बाद दशकों से पार्टी के सबसे सक्रिय मुस्लिम चेहरा रहे हैं। मौजूदा समय में भी नकवी के पास मोदी कैबिनेट में अल्पसंख्यक मामलों की जिम्मेदारी है। लिहाजा उनको लेकर इस चर्चा ने जोर पकड़ लिया है कि हो सकता है कि बीजेपी उन्हें 6 अगस्त को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में अपना प्रत्याशी बनाए। एक वरिष्ठ पत्रकार ने ट्विटर पर इसकी भविष्यवाणी भी की है। क्योंकि, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है।
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रेस में इन नेताओं का भी चल रहा है नाम
एक तरफ जब लग रहा है कि राष्ट्रपति पद की एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति बनना लगभग तय है, तो भाजपा और एनडीए के संसद सदस्यों की संख्या देखते हुए उसके लिए अपने उम्मीदवार को उराष्ट्रपति पद पर बिठाना ज्यादा मुश्किल नहीं लग रहा है। क्योंकि, दोनों सदनों में एनडीए के पास पर्याप्त संख्या बल है। यही वजह है कि विपक्ष राष्ट्रपति चुनाव में अपनी स्थिति का आकलन करने के बाद फिलहाल उपराष्ट्रपति के चुनाव पर उतना उतावला नहीं है। बहरहाल, अपने हर फैसले से चौंकाने वाले प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी किसके नाम पर मुहर लगाएंगे यह अनुमान लगाना किसी के लिए भी संभव नहीं है। लेकिन, नकवी के अलावा जिन नेताओं का नाम सत्ताधारी दल के उम्मीदवार के तौर पर चल रहा है, उनमें पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व गवर्नर नजमा हेपतुल्ला भी शामिल हैं। इनमें से तीन मुस्लिम हैं और एक सिख। लेकिन, राष्ट्रपति पद के लिए महिला प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू का नाम आने के बाद नजमा हेपतुल्ला के लिए राह थोड़ी कठिन लग रही है।
पसमांदा मुस्लिम नेता नहीं मिला तो ये नाम फाइनल ?
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा है, 'सक्षम व्यक्ति को चुनने के लिए गहन तलाश जारी है, 'पसमांदा' मुस्लिम से संबंधित गैर-विवादास्पद नेता को उपराष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के तौर पर नामांकित किया जाएगा। ' उन्होंने कहा कि 'अगर आवश्यक प्रोफाइल के अनुसार कोई नहीं मिला तो पार्टी इन चार नामों में से किसी एक पर मुहर लगा सकती है- आरिफ मोहम्मद खान, नकवी, नजमा हेपतुल्ला और पंजाब के पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह।'
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल बनाने की भी चर्चा
जहां तक नकवी की बात है तो उन्हें उपराष्ट्रपति नहीं बनाए जाने पर जम्मू और कश्मीर का उपराज्यपाल बनाए जाने को लेकर भी सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। एक भाजपा सूत्र ने वन इंडिया से बातचीत में कहा है कि 'जम्मू-कश्मीर में चुनाव होने वाला है, उससे पहले मुख्तार अब्बास नकवी को लेफ्टिनेंट गवर्नर बनाकर वहां भेजा जा सकता है।' दरअसल, जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव गुपकार गठबंधन ने मिलकर लड़ने का फैसला किया है। इसे देखते हुए भाजपा के लिए मोदी एक बेहतर विकल्प माने जा रहे हैं।
कौन हैं मुख्तार अब्बास नकवी ?
भाजपा के दिग्गज नेता मुख्तार अब्बास नकवी का जन्म उत्तर प्रदेश में प्रयागराज के भदारी गांव में 15 अक्टूबर, 1957 को हुआ था। वह जेपी के संपूर्ण क्रांति आंदोलन से राजनीति में काफी सक्रिय हो गए। आपातकाल के दौरान सिर्फ 17 साल की उम्र में उन्हें 'मीसा' के तहत जेल में भी डाल दिया गया था। इन्होंने मास-कम्युनिकेशन में ग्रैजुएशन और पीजी किया है। इन्होंने भाजपा के टिकट पर दो बार विधानसभा का चुनाव लड़ा (1991,1993) और तीन बार (1998,1999 और 2009) लोकसभा चुनाव में भी भाग्य आजमाया। 1998 में यूपी की रामपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर निचले सदन में पार्टी का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले मुस्लिम सांसद बने। भाजपा ने इन्हें तीन-तीन बार राज्यसभा में भेजा। 2002 और 2010 में ये यूपी से उच्च सदन के लिए चुने गए और 2016 में झारखंड से राज्यसभा पहुंचे। मोदी सरकार से पहले नकवी अटल बिहारी सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं।