गलती से मिसाइल फायरिंग मामले में एक से ज्यादा अधिकारी दोषी, मिल सकती है कड़ी सजा
नई दिल्ली, 10 अप्रैल: पिछले महीने गलती से ब्रह्मोस मिसाइल फायर हो गई थी, जो पाकिस्तान के मियां चन्नू इलाके में गिरी। मामले की गंभीरता को देखते हुए वायुसेना ने एक महीने के अंदर अपनी जांच पूरी कर ली है। इस मामले में मिसाइल स्क्वाड्रन के एक से ज्यादा अधिकारियों को दोषी ठहराया गया है। जिनको कड़ी सजा दी जाएगी। रक्षा मंत्रालय को जांच समिति की रिपोर्ट के बारे में बता दिया गया है, उम्मीद है अगले कुछ हफ्तों में इस पर आगे की कार्रवाई होगी।
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न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक 9 मार्च की घटना की जांच सहायक वायु सेना संचालन (Offensive) एयर वाइस मार्शल आरके सिन्हा के नेतृत्व में हो रही थी। उस दौरान नियमित रखरखाव और निरीक्षण के दौरान एक मिसाइल फायर हुई थी। सूत्रों के मुताबिक घटना टाली जा सकती थी, लेकिन लापरवाही की वजह से ऐसा हुआ। जिसमें अब एक से ज्यादा अधिकारी दोषी पाए गए हैं। जांच में पता चला कि संबंधित अधिकारियों ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का स्पष्ट उल्लंघन भी किया है।
सूत्रों ने कहा कि सरकार और भारतीय वायुसेना के शीर्ष अधिकारियों का मानना है कि जल्द से जल्द दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। इसे लंबे समय तक लंबित रखना सही नहीं होगा। वहीं जांच में गलती से मिसाइल के लॉन्च होने के बाद स्थिति को नियंत्रित करने में एक अधिकारी की भी भूमिका सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक वायुसेना ने इस घटना को काफी ज्यादा गंभीरता से लिया है और ऐसे कदम उठाए जा रहे, जिससे दोबारा ऐसा ना हो। इस वजह से एसओपी की समीक्षा की जा रही है।
पाकिस्तान
को
मिल
गया
था
नया
मुद्दा
घटना
के
बाद
कई
अंतरराष्ट्रीय
मंचों
पर
पाकिस्तान
ने
इस
मुद्दे
को
तूल
देने
की
कोशिश
की
थी।
जिसके
बाद
रक्षामंत्री
राजनाथ
सिंह
ने
कहा
था
कि
भारत
की
मिसाइल
प्रणाली
बहुत
विश्वसनीय
और
सुरक्षित
है।
जिसमें
कड़े
एसओपी
का
पालन
किया
जाता
है।
हमारे
सशस्त्र
बल
अच्छी
तरह
से
प्रशिक्षित
और
अनुशासित
हैं।
साथ
ही
ऐसी
प्रणालियों
को
संभालने
में
अच्छी
तरह
से
अनुभवी
भी
हैं।