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430 से ज्यादा दलितों ने कबूला इस्लाम, हादसे में दीवार गिरी और शुरू हुआ धर्मांतरण

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नई दिल्ली- तमिलनाडु के कोयंबटूर में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण की बात सामने आ रही है। जानकारी के मुताबिक 430 से ज्यादा दलितों ने हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम कबूल लिया है और अभी हजारों इसकी प्रक्रिया में लग चुके हैं। इन दलितों से बात करने पर उनकी एक आम भावना समझ में आ रही है कि उन्हें लगता है कि हिंदू धर्म में उनके साथ जाति के नाम पर बहुत ज्यादा भेदभाव किया जाता है। उनका आरोप है कि कहीं भी जाएं, उन्हें उनकी जाति की वजह से अपमानित महसूस करना पड़ता है और सरकारी अधिकारी भी उनकी शिकायतें अनसुना कर देते हैं। लेकिन, इतने बड़े पैमाने पर धर्मांतरण के पीछे प्राकृतिक आपदा में एक दीवार का गिरना बताया जा रहा है, जिसे दलितों ने 'भेदभाव की दीवार' का नाम दिया था।

430 दलितों ने कबूला इस्लाम

430 दलितों ने कबूला इस्लाम

तमिलनाडु के कोयंबटूर में दीवार गिरने की एक घटना ने बड़े पैमाने पर धर्मांतरण की शुरुआत कर दी। इंडिया टुडे की एक खबर के मुताबिक दलित परिवारों के 430 लोगों ने हिंदू धर्म को छोड़कर इस्लाम कबूल कर लिया है। तमिल पुलिगल कच्ची के प्रदेश सचिव इल्लावेनिल ने बताया कि 430 लोगों ने कानूनी तौर पर इस्लाम अपमानाया है और कई और लोग धर्मांतरण की प्रक्रिया में शामिल हैं। खुद इस्लाम कबूल चुके इल्लावेनिल ने कहा, 'हमने अंबेडकर के कहे अनुसार हिन्दू धर्म छोड़ने का फैसला किया है। मुझे अपनी पहचान खो देना था, मतलब कि मुझे पल्लार, परयार,सक्करियार जैसी जाति सूचक टिप्पणियों को झेलना था। मैं आत्म-सम्मान के साथ तभी जी सकता हूं जब इस जाति-आधारित पहचान से बाहर निकल सकूं। जब हम अपनी जाति की वजह से हिंदू थे, हमारे साथ इंसान के जैसा व्यवहार भी नहीं होता था।'

इस्लाम कबूलने वालों का क्या कहना है?

इस्लाम कबूलने वालों का क्या कहना है?

मोहम्मद अबूबकर, जो इस्लाम अपनाने से पहले मार्क्स के नाम से जाने जाते थे, उनके मुताबिक,'हमने जाति के नाम पर हमेशा होने वाले अन्याय और छुआछूत की वजह से इस्लाम अपनाया है। उदाहरण के लिए कोई भी गरीब दलित मरियम्मन मंदिर (मां दुर्गा का मंदिर) में नहीं प्रवेश कर सकता। यहां चाय की दुकानों पर भी भेदभाव किया जाता है। सरकारी बसों में भी हम दूसरे लोगों के साथ में नहीं बैठ सकते।' अब्दुल्ला (पहले सरथ कुमार) ने कहा, 'जब 17 लोगों की मौत हुई, किसी हिंदू ने हमारे लिए आवाज नहीं उठाई। सिर्फ मुसलमान भाइयों ने हमारा साथ दिया और हमारे लिए प्रदर्शन किया।......आप मुझे किसी मंदिर में प्रवेश करा सकते हैं? जबकि, हम किसी भी मस्जिद में घुस सकते हैं। '

एक दीवार गिरी और शुरू हुआ धर्मांतरण

एक दीवार गिरी और शुरू हुआ धर्मांतरण

पिछले साल दो दिसंबर को मेट्टुपलायम और आसपास के इलाकों में बहुत भारी बारिश हुई थी। उस बारिश में एक दीवार ढह गई, जिसकी चपेट में तीन मकान भी आ गए थे। उस हादसे में 17 लोगों की मौत हुई थी। हादसे में मारे गए सारे लोग दलित थे और उस इलाके के दलित उस दीवार के 'भेदभाव की दीवार' होने का दावा करते हैं। इस हादसे ने कई दलितों को अंदर से तोड़ दिया। उनका दावा है कि उनके साथ हमेशा से भेदभाव होता आया है। इस हादसे के बाद दलित समुदाय के करीब 3,000 लोगों ने हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम अपनाने का ऐलान कर दिया। उनका मानना है कि उन्हें दूर रखने के लिए ही यह दीवार खड़ी की गई थी।

एफिडेविट में क्या है?

एफिडेविट में क्या है?

हिंदू से मुसलमान बनने के लिए लोग जो एफिडेविट लिखकर दे रहे हैं उसमें कुछ खास तथ्य शामिल हैं। जैसे- 'मैं हिंदू धर्म का हूं, जन्म से अरुणथथियार वर्ग से हूं। इस तारीख तक मेरा परिवार हिंदू धर्म के सभी नियमों का पालन और सम्मान करता है। मुझे हिंदू धर्म से कोई नफरत नहीं है। पिछले तीन वर्षों से मैं इस्लाम से प्रभावित था और इसके धार्मिक कानूनों और सिद्धांतों की वजह से इसे अपनाने का फैसला किया। मैं तहे दिल से इस्लाम कबूल करता हूं और पूरी तरह इसका पालन करूंगा। मैं मानता हूं कि ईश्वर एक है और मोहम्मद नबी ईश्वर के अंतिम दूत हैं। मैं पूरी तरह से इस्लाम कबूल करता हूं और मुसलमान बन रहा हूं।'

पहले से होती आई हैं भेदभाव की घटनाएं

पहले से होती आई हैं भेदभाव की घटनाएं

कोयंबटूर के इलाके में भेदभाव की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इसमें मंदिरों में प्रवेश से लेकर श्मशान की जमीन तक के भेदभाव का मामला शामिल है। दलितों के साथ चाय की दुकानों से लेकर किसी भी सार्वजनिक स्थलों पर भेदभाव की शिकायतें आती हैं। उन्हें अभी भी उनकी जाति के नाम से पुकारा जाता है, लेकिन युवा पीढ़ी अब इसके खिलाफ ज्यादा आवाज उठा रही है। कई युवाओं का कहना है कि सरकारी अधिकारी भी उनकी शिकायतों को नजरअंदाज कर देते हैं, लिहाजा उनके लिए सम्मान से जीने का एक मात्र तरीका धर्मांतरण ही बचता है। अब्दुल्ला ने कहा, 'आप हमें हिंदू कहेंगे, लेकिन जाति के नाम पर भेदभाव करेंगे। आप मुझे हिंदू कहते हैं, लेकिन मुझे उसकी तरह से स्वीकार नहीं करते।'
(तस्वीरें प्रतीकात्मक)

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English summary
430 Coimbatore Dalits in Coimbatore in Tamil Nadu converted to Islam
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