क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

जम्मू-कश्मीर पुलिस- 18 साल बाद विदेशी आतंकियों से ज्यादा स्थानीय आतंकी हुए ढेर

Google Oneindia News

नई दिल्ली: पुलवामा आतंकी हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश और शोक का माहौल है। इस आत्मघाती हमले में मारे गए सीआरपीएफ जवानों के पार्थिव शरीर उनके घर पहुंच रहे हैं, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जा रहा है। गौरतलब है कि पुलवामा हमले को अंजाम देने वाला आतंकी जम्मू-कश्मीर का स्थानीय निवासी था। 20 साल के युवक आदि अहमद डार जिसने करीब एक साल पहले पाकिस्तानी समर्थित आंतकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ज्वाइन किया था। उसने गुरुवार को सीआरपीएफ के काफिले में आत्मघाती हमला कर दिया था, जिसमें 40 जवानों की मौत हो गई थी। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस बीच आतंकियों को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है जो बताती है कि घाटी में 18 साल बाद विदेशी आतंकियों के मुकाबले स्थानीय आतंकी सूरक्षा बलों द्वारा मारे गए हैं।

'साल 2018 में मरे 246 आतंकी'

'साल 2018 में मरे 246 आतंकी'

इस रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018 में घाटी में 246 आतंकियों को सुरक्षा बलों ने ढेर किया है। इसमें मारे गए स्थानीय आतंकियों के मुकाबले मरने वाले विदेशी आतंकियों की संख्या कम है। मारे गए कुल 246 आतंकियों में 150 आतंकी स्थानीय और 90 विदेशी हैं। जम्मू-कश्मीर के पास ये आधिकारिक आंकड़ा है।

'2018 में मारे गए सबसे ज्यादा आतंकी'

'2018 में मारे गए सबसे ज्यादा आतंकी'

जम्मू-कश्मीर पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले तीन सालों में 2018 में सबसे ज्यादा आतंकी मारे गए हैं। साल 2016 में जहां सुरक्षा बलों ने 130 आतंकियों को मार गिराया। वहीं साल 2017 में 200 आतंकियों को सुरक्षा बलों ने ढेर किया. इन दोनों सालों के मुकाबले पिछले साल यानि 2018 में 240 आतंकी मारे गए हैं। वहीं इस साल के शुरुआती 46 दिनों में 31 आतंकी सुरक्षा बलों की गोली का निशाना बने हैं।

'2018 में घाटी में 99 ऑपरेशन हुए'

'2018 में घाटी में 99 ऑपरेशन हुए'

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक,साल 2018 में सुरक्षा बलों ने घाटी में 99 ऑपरेशन चलाए. इनमें 28 नागरिकों की मौत हुई। इसमें से दक्षिण कश्मीर में 57 अभियान सुरक्षा बलों द्वारा चलाए गए. इस दौरान दक्षिण कश्मीर के शोपियां, पुलवामा और कुलगाम इलाकों में नागरिक मारे गए। अधिकारियो के मुताबिक साल 2008 से 2013 के बीच आतंकी संबंधी घटनाओं में तुलनात्मक रूप से कमी आई थी. लेकिन 2015 के मध्य से स्थानीय लोगों के आतंकी बनने के इन मामलों में तेजी देखने को मिली है। साल 2017 में मरने वाले 200 आतंकियों में 80 स्थानीय आतंकी थे। जबकि साल 2016 में मरने वाले कुल आतंकियों की संख्या 130 थी.जिसमें से 30 स्थानीय आतंकी थे। जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि कश्मीर में साल 2013 में सबसे कम 78 आतंकी सक्रिय थे। इस समय घाटी में इनकी तादात 250 के करीब है।

बुरहान वानी की मौत के बाद आतंकियों की भर्ती में तेजी

बुरहान वानी की मौत के बाद आतंकियों की भर्ती में तेजी

बुरहान वानी की मौत के बाद आतंकियों की भर्ती में तेजी साल 2015 के मध्य में जब हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी ने इंटरनेट के माध्यम से आतंकवाद का प्रचार किया। उस समय कश्मीर में 142 आतंकवादी सक्रिय थे। जुलाई 2016 में बुरहान वानी की हत्या के बाद आतंकियों की भर्ती में तेजी आई। अप्रैल और जुलाई 2018 में आतंकी बनने वाले लोगों की संख्या 29 और 30 थे,जो इस साल सबसे अधिक था। साल 2018 में हर महीने करीब 20 आतंकियों की भर्ती हुई। जनवरी में ये आंकड़ा घटकर 5 पर आ गया है।

English summary
more local militant killed than foreign militants in the Valley says JK Police
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X