किस राज्य के विधायकों को कितनी मिलती है सैलरी? केजरीवाल ने खोला कच्चा चिट्ठा
नई दिल्ली, 04 जुलाई: दिल्ली सरकार ने सोमवार को मुख्यमंत्री से लेकर विधायकों तक की सैलरी में बढ़ोत्तरी करने वाले विधेयक को पारित कर दिया है। केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के विधायकों की सैलरी को बेहद कम बताते हुए इसमें इजाफे का फैसला किया था। इस विधेयक के पारित होने के बाद दिल्ली के विधायकों की सैलरी दोगुनी से अधिक हो जाएगी। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसके लिए टैक्सपेयर्स को भी धन्यवाद दिया। देश में दिल्ली के विधायकों की तनख्वाह सबसे कम है।
वेतन में बढोत्तरी कर ट्रोल हुई दिल्ली सरकार
दिल्ली सरकार के विधायकों की वेतन बढ़ोत्तरी के बाद आप सरकार को सोशल मीडिया पर लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा है। लोगों ने सोशल मीडिया पर आप सरकार को जमकर ट्रोल किया है। जिसके बाद आम आदमी पार्टी ने फेसबुक पोस्ट कर अन्य राज्यों के विधायकों को मिलने वाली सैलरी की जानकारी साझा की है। जिसके हिसाब से उन्होंने दावा किया है कि, दिल्ली के विधायकों के देश में सबसे कम सैलरी मिलती हैं।
देश में सबसे अधिक वेतन इस राज्य के विधायकों को मिलता है
आप की सोशल मीडिया पोस्ट के मुताबिक, तेलंगाना के विधायकों 2.5 लाख रुपए हर महीने सैलरी और भत्तों के तौर मिलते हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र में विधायकों का हर महीने का वेतन भत्ता 2 लाख 32 हजार रुपए है।
उत्तराखंड़ के विधायकों की हैं इतनी सैलरी
इसके अलावा उत्तर प्रदेश में विधायकों को हर महीने सैलरी और अन्य भत्तों के तौर पर 1 लाख 87 हजार रुपए सरकार की ओर से दिए जाते हैं। वहीं जम्मू कश्मीर में विधायकों को सरकार की ओर 1 लाख 60 हजार मिलते हैं।
सबसे कम सैलरी दिल्ली के विधायकों की
अगर बात उत्तराखंड के विधायकों की करें तो उन्हें भी हर महीने सैलरी के तौर पर 1 लाख 60 हजार रुपए मिलते हैं। आंध्र प्रदेश के विधायकों को 1 लाख 30 हजार, हिमाचल और राजस्थान के विधायकों को हर महीने 1 लाख 25 रुपए सैलरी के तौर पर दिए जाते हैं।
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दिल्ली के विधायकों को अब मिलेगी इतनी सैलरी
वहीं गोवा के विधायकों के हर महीने वेतन-भत्ते के तौर पर 1 लाख 17 हजार रुपए मिलते हैं। वहीं दिल्ली विधानसभा ने सोमवार को अपने सदस्यों के वेतन एवं भत्ते में 66 फीसद से अधिक की वृद्धि से संबंधित बिल सर्वसम्मति से पास कर दिए। मंत्रियों, विधायकों, मुख्य सचेतक, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और विपक्ष के नेता के वेतन में वृद्धि से संबंधित पांच अलग-अलग विधेयक सदन में पेश किए गए और सदस्यों ने उन्हें पारित किया। इस विधेयक के पास होने के बाद दिल्ली की विधायकों की सैलरी 30 हजार से 90 हजार हो जाएगी।